Himachal Pradesh Assembly elections 2022: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की जनता को तीसरा विकल्प देने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी (AAP) की उम्मीदों पर जनता ने पानी फेर दिया. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Assembly elections) लड़ रही आम आदमी पार्टी की के सभी 67 प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई है. आम आदमी पार्टी को हिमाचल में सिर्फ 1.10 फीसदी मत प्राप्त हुए. 


पंजाब में जीत हासिल करने के बाद उत्साहित आम आदमी पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में आक्रमक प्रचार अभियान की शुरूआत की. वहीं चुनाव आते-आते आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश से गायब-सी हो गई. आम आदमी पार्टी के हालात ये थे कि न तो पार्टी में कोई बड़ा चेहरा शामिल हुआ और न ही आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी जनता से कनेक्शन बना सके. आम आदमी पार्टी की हार का एक बड़ा कारण प्रदेश में उनके संगठन का न होना भी रहा. हालांकि आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह ठाकुर ने हिमाचल में 60 से अधिक सीटें जीतने का दावा किया था.


AAP के 23 प्रत्याशियों को नोटा से भी कम वोट
आम आदमी पार्टी ने मार्च महीने में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की जगह लेने की कोशिश की, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सकी. हिमाचल प्रदेश में मुकाबला हर बार की तरह कांग्रेस- बीजेपी के बीच में ही देखने को मिला. आम आदमी पार्टी की स्थिति प्रदेश में इतनी दयनीय रही कि, पार्टी के सबसे बड़े चेहरे राजन सुशांत तक की फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से जमानत जब्त हो गई. जबकि उपचुनाव में आजाद प्रत्याशी के तौर पर राजन सुशांत ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था. देश की सबसे युवा प्रधान के तौर पर अपना नाम बनाने वाली, जबना चौहान भी आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर अपनी जमानत नहीं बचा सकीं. आम आदमी पार्टी के 23 प्रत्याशी ऐसे रहे जिन्हें नोटा से भी कम वोट मिले.


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