Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू  की कार्यप्रणाली पर उनके ही मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि विधायकों की अनदेखी हुई है. साथ ही उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि


उन्होंने कहा, ''ये चुनाव मेरे पिता के नाम पर लड़ा गया, कोई ऐसा पर्चा या पोस्टर नहीं था जिसमें मेरे पिता की तस्वीर नहीं थी. सर्व सम्मति के बाद ये सरकार बनी. मैंने आज तक सरकार की कार्यप्रणाली पर कुछ नहीं कहा, लेकिन जो बीते दिनों में जो घटनाक्रम हुई है, ऐसे में मेरा स्पष्ट बोलना जरूरी है.''


'सुक्खू की कार्यप्रणाली ठीक नहीं'


हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की प्रमुख प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने कहा, ''पिछले एक साल में सरकार की जो कार्यप्रणाली रही है, उसमें विधायकों की अनदेखी हुई है.''


पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की वजह को विधायकों ही नाराजगी ही बताई. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे लिए को भी पद मायने नहीं रखता है, जनता का भरोसा ही सबसे जरूरी है.


विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि जो भी फैसला लिया जाएगा वह संगठन, पार्टी और इस राज्य के लोगों के व्यापक हित में लिया जाएगा.


दरअसल, मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में हिमाचल में कांग्रेस की पोल खुल गई. कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. यानी उन्होंने बीजेपी के हर्ष महाजन को वोट किया. इस चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा. महाजन और सिंघवी को 34-34 वोट मिले. इसके बाद टॉस में महाजन की जीत हुई.


हिमाचल में कांग्रेस के 40 विधायक हैं. तीन निर्दलीय भी सत्तापक्ष के साथ थे. उन्होंने भी बीजेपी उम्मीदवार को वोट किया.


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