Vimal Negi Murder Case: विमल नेगी की संदिग्ध मौत ने हिमाचल प्रदेश पुलिस महकमे में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है. पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव गांधी को हाइकोर्ट से फटकार लगने के बाद एसपी ने अपने ही डीजीपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस हाई-प्रोफाइल केस की जांच को लेकर अब प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) डॉ. अतुल वर्मा और शिमला के पुलिस अधीक्षक (SP) संजीव गांधी आमने-सामने आ गए हैं. मामला इसलिए भी गरमा गया है कि हिमाचल हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है. कोर्ट के इस फैसले की एक बड़ी वजह डीजीपी वर्मा द्वारा दायर किया गया वह एफिडेविट रहा, जिसमें एसपी शिमला और स्थानीय एसआईटी की जांच पर सवाल उठाए गए हैं. दोनों रिपोर्ट में विरोधाभास के चलते हाइकोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई थी. 'जांच को दबाने के प्रयास हो रहे हैं'एसपी संजीव गांधी ने इस एफिडेविट को "गैर-जिम्मेदाराना और भ्रामक" बताते हुए खुलकर डीजीपी के खिलाफ बयान दिया है. उन्होंने कहा कि शिमला पुलिस को डीजीपी के आचरण को लेकर कई शिकायतें मिली हैं. सबसे गंभीर आरोप यह है कि डीजीपी के निजी स्टाफ में तैनात एक जवान नशा तस्करी में संलिप्त है, और इस मामले की जांच को दबाने के प्रयास हो रहे हैं. गांधी का कहना है कि शिमला पुलिस ने विमल नेगी की मौत के मामले में पूरी निष्ठा से जांच की और अब तक कई अहम सुराग इकट्ठा किए थे. लेकिन डीजीपी के हस्तक्षेप और उनके द्वारा कोर्ट में प्रस्तुत किए गए तथ्यों ने इस निष्पक्ष जांच को प्रभावित किया. 'SIT अब कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी'हाईकोर्ट ने डीजीपी के एफिडेविट के आधार पर मामले को सीबीआई को सौंपते हुए, SIT की जांच की दिशा पर सवाल उठाए हैं. इसके जवाब में एसपी संजीव गांधी ने कहा कि SIT अब कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी, जिसमें जांच के पूरे तथ्य और दिशा को अदालत के सामने स्पष्ट किया जाएगा. एसपी ने कांग्रेस से बीजेपी में गए विधायक सुधीर शर्मा पर भी निशाना साधा और कहा कि सुधीर शर्मा ने कोर्ट की कार्यवाही को अपने सोशल मीडिया में डाला उसको लेकर उन्होंने सुधीर शर्मा के खिलाफ हाइकोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई है.
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