Himachal High Court Chief Justice: न्यायमूर्ति एम. एस. राव ने हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली. यह शपथ ग्रहण समारोह शिमला स्थित राज भवन में हुआ. हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने एम.एस. राव को मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ दिलवाई. शपथ लेने के बाद न्यायमूर्ति एम. एस. राव मीडिया से मुखातिब हुए.


'बोलकर नहीं, करके दिखाऊंगा'


इस दौरान उनकी प्राथमिकता को लेकर पूछे गए सवाल का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि वे बोलकर नहीं बल्कि काम करके दिखाएंगे. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक खूबसूरत जगह है और यहां के लोग बहुत अच्छे हैं. वे पूरी कोशिश करेंगे कि जनता की सेवा के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकें. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में लंबित मामलों को लेकर पूछे गए सवाल पर भी उन्होंने अपने एक्शन के जरिए ही काम करने की बात कही.



हिमाचल हाईकोर्ट में जजों की संख्या हुई नौ


हिमाचल प्रदेश के नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एमएस राव आज ही अपना कार्यभार संभालेंगे. इससे पहले हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के वरिष्ठतम जज तरलोक सिंह चौहान कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश के तौर पर काम कर रहे थे. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में अब मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एमएस राव के अलावा जजों की संख्या आठ हो गई है.


जस्टिस एमएस रामचंद्र राव का जीवन


एमएस रामचंद्र राव का जन्म 7 अगस्त, 1966 को हैदराबाद में हुआ था. 7 सितंबर, 1989 को एक वकील के रूप में उनका नामांकन हुआ था. रामचंद्र राव साल 1991 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं. साल 1991 बैच के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे रामचंद्र राव को अपने मास्टर्स कोर्स के लिए कैम्ब्रिज कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप, बैंक ऑफ क्रेडिट और कॉमर्स इंटरनेशनल स्कॉलरशिप और इनर टेंपल के स्कॉलरशिप ट्रस्ट से पेगासस स्कॉलरशिप से भी सम्मानित किया गया है. 


बड़े उद्यमों के वकील के रूप में किया काम


न्यायमूर्ति एम. एस. रामचंद्र राव आईआरडीए, एसबीआई, हैदराबाद राज्य, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के अन्य उद्यमों के वकील रहे हैं. उन्हें साल 2012 में आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था. उनके पिता न्यायमूर्ति एम. जगन्नाथ राव भी न्यायाधीश थे. न्यायमूर्ति एम एस रामचंद्र राव को 29 जून, 2012 को आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. आंध्र प्रदेश राज्य के विभाजन के बाद उन्होंने तेलंगाना को अपने मूल उच्च न्यायालय के रूप में चुना. उन्हें 12 अक्टूबर, 2021 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया था. अब 30 मई की तारीख जस्टिस एमएस रामचंद्र राव के जीवन में ऐतिहासिक दिन के तौर पर जुड़ गई है.