Himachal Teachers Transfer: हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में एक ही समय जगह पर लंबे समय से टिके शिक्षकों के तबादले किए जा सकते हैं. इसे लेकर हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विभाग से रिपोर्ट तलब की है. हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों की तबादला नीति को लेकर लंबे समय से चर्चा चलती आ रही है. हालांकि अब तक इस पर कुछ भी पुख्ता तौर पर पूरा नहीं हो सका है.
दूरदराज के स्कूलों में शिक्षकों की कमी
हिमाचल प्रदेश के दूरदराज इलाकों में कई ऐसे स्कूल हैं, जहां पर शिक्षकों की कमी है. साथ ही ऐसे भी स्कूल हैं, जहां विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षक ज्यादा हैं. सरकार इस अनुपात को भी ठीक करने की दृष्टि से शिक्षकों के तबादले कर सकती है. हिमाचल प्रदेश में हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन हो जाता है. इस बीच कई ऐसे शिक्षक हैं, जो दोनों ही सरकारों में अपने स्थान से मेल नहीं खाने पर खानापूर्ति के लिए मुख्यालय के आस-पास ही दूसरे स्कूल में ट्रांसफर ले लेते हैं. हिमाचल प्रदेश में दूरदराज वाले स्कूलों के लिए अलग ट्रांसफर पॉलिसी लाने पर भी चर्चा हो रही है.
हरियाणा की तर्ज पर तबादला नीति लाने की बात
पूर्व बीजेपी सरकार ने हरियाणा की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों की तबादला नीति लाने की बात कही थी. इसे लेकर सॉफ्टवेयर भी तैयार कर लिया गया था. हालांकि इस पर आगे कुछ नहीं हो सका. हिमाचल प्रदेश में नई सरकार आने के बाद शिक्षा विभाग का जिम्मा रोहित ठाकुर को सौंपा गया है. रोहित ठाकुर ने पहले कई बार यह संकेत दिए हैं कि शिक्षकों को दूरदराज इलाकों में भी अपनी ड्यूटी पूरी करनी होगी. ऐसे में लंबे समय से एक जगह पर टिके शिक्षकों को दूसरी जगह पर ट्रांसफर किया जा सकता है.
शिक्षा विभाग में 1.15 लाख कर्मचारी
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में कुल 2.12 लाख सरकारी कर्मचारी हैं. इनमें 1.15 लाख कर्मचारी सीधे तौर पर शिक्षा विभाग के साथ जुड़े हैं. यह 1.15 लाख कर्मचारी शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के साथ जुड़े हुए हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग पर अध्यापकों और कर्मचारियों की ट्रांसफर करते रहने का बड़ा दबाव रहता है.