हिमाचल प्रदेश अग्निशमन सेवा ने दिवाली को लेकर सुरक्षा दिशानिर्देश जारी किए हैं और लोगों से किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सावधानी बरतने का आग्रह किया है. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.

Continues below advertisement

लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं से ही खरीदें पटाखे

अग्निशमन सेवा की ओर से जारी परामर्श में लोगों से अपील की गई है कि वे दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं से ही पटाखे खरीदें.

कहां जला सकते हैं पटाखे?

परामर्श में कहा गया है कि पटाखे खुले स्थानों जैसे पार्क या बड़े मैदान में चलाए जाएं. पटाखों को इमारतों, वाहनों और ज्वलनशील पदार्थों से दूर रखा जाए और हमेशा पानी की बाल्टी साथ रखें. परामर्श में कहा गया है कि लोग सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचें और सूती कपड़े पहनें.इसमें कहा गया है कि अप्रत्याशित विस्फोटों से बचने के लिए एक साथ कई पटाखे चलाने से बचें, पटाखे चलाने के बाद सुरक्षित दूरी पर खड़े हों और पटाखे चलाते समय हवा का रुख जरूर देखें तथा घर के अंदर पटाखे न चलाएं.

Continues below advertisement

रात आठ से 10 बजे तक ही जला सकेंगे हरित पटाखे

वहीं शिमला के जिला मजिस्ट्रेट अनुपम कश्यप द्वारा जारी एक अन्य आदेश के अनुसार लोगों को रात आठ बजे से 10 बजे तक दो घंटे के लिए केवल हरित पटाखे जलाने की अनुमति होगी.

छठ, क्रिसमस और नए साल के दौरान पटाखे चलाने के लिए भी दो घंटे की समयसीमा तय की गई है. आदेश के किसी भी तरह के उल्लंघन पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 (लोक सेवक द्वारा प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा) के तहत कार्रवाई की जाएगी.

वायु गुणवत्ता के आधार पर तय हुई पटाखों की अनुमति

इस बार प्रशासन ने पटाखों को लेकर दिशा-निर्देशों में वायु गुणवत्ता (Air Quality) को भी मुख्य आधार बनाया है. जिन इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ या उससे नीचे दर्ज की गई है, वहां पारंपरिक पटाखों की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी. इन स्थानों पर केवल हरित (Green) पटाखों की ही बिक्री और उपयोग की अनुमति होगी.

यह निर्णय वर्ष 2019 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों के अनुपालन में लिया गया है. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नियमों के उल्लंघन पर न केवल जुर्माना बल्कि पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 और भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.