अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुखजीत सिंह खेड़ा ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से महात्मा गांधी का नाम हटाना उनका अपमान है.

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उन्होंने आरोप लगाया कि पहले गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की और अब उनके नाम को हटाकर उनकी आत्मा को मारा है. सुखजीत सिंह खेड़ा ने कहा कि यह फैसला गरीब और मजदूर वर्ग के साथ सीधा धोखा है. 

सरकार पर साधा निशाना

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने फंडिंग का नया फॉर्मूला तय किया है, जिसके तहत अब 60 प्रतिशत राशि केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकारों को वहन करनी होगी. जबकि अधिकांश राज्य पहले से ही कर्ज में डूबे हैं. ऐसे में राज्यों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालकर इस योजना को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है, ताकि यह योजना प्रभावी रूप से लागू न हो सके.

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उन्होंने कहा कि इस अहम फैसले पर विपक्ष के साथ कोई चर्चा नहीं की गई. जिसके विरोध में कांग्रेस ने देशभर में प्रदर्शन किए हैं. कांग्रेस की मांग है कि मनरेगा को उसके पुराने स्वरूप में बहाल किया जाए.

सुखजीत खेड़ा ने लगाया आरोप

सुखजीत खेड़ा ने आरोप लगाया कि बीजेपी की केंद्र सरकार ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों का राजनीतिक दुरुपयोग कर रही है और इनका इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को प्रताड़ित करने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इस राजनीतिक उत्पीड़न के खिलाफ लगातार संघर्ष कर रहे हैं और कांग्रेस इस लड़ाई को आगे भी जारी रखेगी.

देश की संसद में 'मनरेगा' बिल का नाम बदलने के बाद 'जी राम जी' बिल का प्रस्ताव पेश हुआ था. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह बिल अब कानून बन गया है. इसको लेकर विपक्ष की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है.