Himachal Monsoon Session 2023 : हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है. 18 सितंबर से शुरू हुआ यह सत्र 25 सितंबर तक चलेगा. सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही में हिस्सा लेते हुए सत्तापक्ष के सदस्य भवानी सिंह पठानिया ने हिमाचल में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने वाले प्रस्ताव का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि हिमाचल में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाना जरूरी है.


कांगड़ा भूकंप के बाद सबसे बड़ी तबाही
कांग्रेस विधायक भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि आपदा की वजह से 441 लोगों की जान चली गई. यह आपदा न केवल प्राकृतिक है, बल्कि कई जगह मानव जनित भी है. उन्होंने कहा कि साल 1905 में कांगड़ा के भूकंप के बाद इस बार सबसे ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आपदा आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाना हिमाचल का हक है. भवानी सिंह पठानिया ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा घोषित होने से नुकसान के लिए कैलेमिटी रिलीफ फंड बनेगा. इससे हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रभावितों को फायदा होगा.


राष्ट्रीय आपदा की घोषणा से फायदा क्या?
प्रदेश में राष्ट्रीय आपदा घोषित होने से उन लोगों के लोन पर ब्याज भी माफ होगा, जिन्होंने कृषि करने और घर बनाने के लिए लोन लिया था. इसके अलावा भविष्य में भी प्रदेश के लोगों को कम ब्याज दर पर लोन मिल सकेगा. भवानी सिंह पठानिया ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से हर हिमाचली को फायदा होगा और यह हिमाचल की जरूरत है. भवानी सिंह ने राजनीति से ऊपर उठकर विपक्ष से भी आपदा के बीच सरकार का सहयोग करने की बात कही.


लीगल माइनिंग से रोजगार बढ़ सकता है- भवानी सिंह
भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि अब तक केंद्र की ओर से हिमाचल प्रदेश को जो सहायता मिली है, वह हिमाचल प्रदेश का हक है. केंद्र सरकार ने हिमाचल को साल के अंत में मिलने वाली सहायता को एडवांस जारी कर दिया है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यह ठीक वैसा ही है, जैसा किसी कर्मचारी को उसका वेतन एडवांस दे देना. भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बंद पड़े खनन को दोबारा शुरू किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि माइनिंग लीज का रिव्यू किया जाना चाहिए. पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लीगल माइनिंग को युवाओं के रोजगार के साथ भी जोड़ा जा सकता है.


अपना हक मांग रहा है हिमाचल- भवानी सिंह
भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोग स्वाभिमानी हैं. बात जब भी देश के लिए शहादत की होती है, तब भी हिमाचली सबसे आगे खड़े रहते हैं. यदि अनुपात में देखा जाए, तो हिमाचल प्रदेश में शहीद सैनिकों का आंकड़ा सबसे ज्यादा है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोग स्वाभिमानी हैं. इसलिए हिमाचल के लोग भीख नहीं, बल्कि अपना हक मांग रहे हैं. उन्होंने यह हक लेने के लिए भाजपा विधायकों का भी साथ मांगा.


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