सोनीपत के गांव असदपुर नांदनौर से गुजरने वाली यमुना नदी में रेत खनन को लेकर एक बार फिर गंभीर आरोप सामने आए हैं. यहां असदपुर पॉइंट पर जेलकोहा नाम की कंपनी को रेत खदान का टेंडर दिया गया है, लेकिन टेंडर होने के बावजूद अवैध खनन लगातार जारी रहने के आरोप लग रहे हैं.

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ताजा मामला तब सामने आया, जब पंचकूला खनन विभाग की टीम ने छापेमारी कर भारी संख्या में मशीनें और गाड़ियां पकड़ीं, जबकि बाद में सोनीपत प्रशासन ने सिर्फ एक मशीन और दो डंपर दिखाकर कार्रवाई सीमित बताई.

बीती रात यमुना नदी के असदपुर पॉइंट पर पंचकूला खनन विभाग और सोनीपत खनन विभाग की संयुक्त टीम ने छापेमारी की. सूत्रों के मुताबिक, मौके पर कई भारी मशीनें और ट्रक अवैध रूप से खनन करते पाए गए.

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हालांकि, हैरानी की बात यह रही कि जैसे-जैसे समय बीतता गया, सोनीपत खनन विभाग की ओर से आधिकारिक तौर पर सिर्फ एक मशीन और दो डंपर सीज करने की जानकारी दी गई.

शिकायतकर्ता ने लगाए मिलीभगत के आरोप

शिकायतकर्ता मोनू आंतिल का कहना है कि जेलकोहा कंपनी लंबे समय से नियमों को ताक पर रखकर खनन कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय अधिकारी, कुछ गांवों के सरपंच और खनन कंपनी की आपसी मिलीभगत के चलते अवैध खनन बेरोकटोक चलता रहा.

मोनू के अनुसार, उन्होंने कई बार सोनीपत प्रशासन से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद मजबूर होकर पंचकूला खनन विभाग से शिकायत की गई, तब जाकर अधिकारी मौके पर पहुंचे और बड़ी कार्रवाई सामने आई.

शुरुआत में सोनीपत के आला अधिकारियों ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया और जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालते नजर आए. देर रात खनन अधिकारी चंद्र भूषण तिवारी ने छापेमारी की पुष्टि करते हुए कहा कि एक मशीन और दो डंपर अवैध खनन करते पाए गए, जिन्हें सीज किया गया है.

उन्होंने दावा किया कि बीते एक साल में 122 बार छापेमारी की गई है और 8 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि सरकारी खजाने में जमा कराई गई है.