कोहरे के कारण वाहन दुर्घटनाओं की खबर आज कल बढ़ती जा रही है. 14 दिसंबर को सोनीपत से गुजरने वाले केएमपी एक्सप्रेसवे पर घने कोहरे के कारण बड़ा सड़क हादसा हो गया. सुबह के समय दृश्यता (Visibility) बेहद कम होने की वजह से करीब एक दर्जन से ज्यादा वाहन आपस में टकरा गए.
इस हादसे में कई महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग घायल हुए हैं. सभी घायलों को सोनीपत के नागरिक अस्पताल लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद एक महिला समेत तीन घायलों को गंभीर हालत में रोहतक PGI रेफर किया गया है. यह हादसा एक बार फिर सर्दियों में कोहरे के दौरान हाईवे पर सफर की गंभीर चुनौती को उजागर करता है.
एक के बाद एक टकराई गाड़ियां
प्रत्यक्षदर्शियों और घायलों के अनुसार, केएमपी एक्सप्रेसवे पर अचानक कोहरा इतना घना हो गया कि कुछ ही मीटर आगे तक दिखाई देना बंद हो गया. इसी दौरान एक वाहन के अचानक ब्रेक लगाने से पीछे से आ रही गाड़ियां एक के बाद एक टकराती चली गईं. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कई गाड़ियों के आगे और पीछे के हिस्से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए.
हादसे में घायल एक महिला ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ बागपत से हरियाणा की ओर जा रही थी, तभी अचानक धुंध के कारण कई वाहन आपस में भिड़ गए. वहीं एक घायल बुजुर्ग ने कहा कि दृश्यता बेहद कम होने की वजह से हादसे को टालना संभव नहीं था.
सिविल अस्पताल में इलाज और डॉक्टरों का बयान
हादसे के बाद स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से सभी घायलों को तुरंत सोनीपत के सिविल अस्पताल पहुंचाया गया. अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने घायलों का प्राथमिक उपचार किया. सिविल अस्पताल के डॉक्टर विजय राणा ने बताया कि कोहरा ज्यादा होने के कारण केएमपी पर लगभग एक दर्जन वाहन आपस में टकरा गए.
इलाज के लिए 8 से ज्यादा महिलाएं, बुजुर्ग और अन्य लोग अस्पताल पहुंचे हैं. इनमें से 3 घायलों की हालत गंभीर है, क्योंकि उनके सिर में गहरी चोट लगी है. बेहतर इलाज के लिए उन्हें रोहतक PGI रेफर किया गया है. अन्य घायलों का इलाज सिविल अस्पताल में जारी है.
सावधानी की अपील और प्रशासन की चेतावनी
घने कोहरे में तेज रफ्तार, ओवरटेक और अचानक ब्रेक लगाना जानलेवा साबित हो सकता है. वाहन चालकों को फॉग लाइट का सही इस्तेमाल, सुरक्षित दूरी बनाए रखने और गति नियंत्रित रखने की सलाह दी गई है. अगर मौसम बेहद खराब हो तो अनावश्यक यात्रा से बचने की भी अपील की गई है. यह हादसा साफ संकेत देता है कि थोड़ी सी लापरवाही कई जिंदगियों को खतरे में डाल सकती है.
नितिन आंतिल की रिपोर्ट.