हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने 17वीं शताब्दी में अन्याय, अत्याचार और दमन के विरुद्ध जो त्याग और बलिदान दिया, वह न केवल सिख इतिहास बल्कि पूरी मानव सभ्यता का सबसे ऊंचा आदर्श है.
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शनिवार (08 नवंबर) को चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा में आयोजित 'श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन और दर्शन' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. इससे पहले मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई गुरुओं के जीवन पर आधारित पेंटिंग प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया.
गुरु तेग बहादुर अध्ययन पीठ की होगी स्थापना- सीएम
सीएम सैनी ने घोषणा की कि हिंद की चादर गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर उनसे प्रेरणा लेते हुए चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय में श्री गुरु तेग बहादुर अध्ययन पीठ स्थापित की जाएगी, जहां विद्यार्थी उनके जीवन और दर्शन पर अनुसंधान कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि गुरु तेग बहादुर जी के 350 वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में 1 नवंबर से कार्यक्रम शुरू हो चुके हैं, जो 25 नवंबर तक चलेंगे. मुख्य समारोह कुरुक्षेत्र में आयोजित किया जाएगा.
चार पवित्र यात्राएं निकाली जाएंगी- नायब सिंह सैनी
मुख्यमंत्री ने कहा, ''चार पवित्र यात्राएँ निकाली जाएंगी, जिनमें से पहली पवित्र यात्रा का शुभारंभ आज सिरसा जिले के रोड़ी से किया गया है.'' CM ने देशभर से आए संतों, विद्वानों और शोधकर्ताओं का स्वागत करते हुए कहा, ''यह हमारा सौभाग्य है कि हम ऐसे महापुरुष के जीवन और संदेश पर मनन कर रहे हैं, जिन्होंने यह सिखाया कि धर्म केवल अपना धर्म बचाने का नाम नहीं, बल्कि पूरे विश्व के नैतिक विवेक को बचाने का दायित्व है. आज जब मानवता तकनीकी युग में प्रवेश कर चुकी है, तब भी श्री गुरु तेग बहादुर जी के आदर्श भारत को दिशा दे रहे हैं.
'गुरु तेग बहादुर जी नई पीढ़ी के लिए प्रकाशस्तंभ'
उन्होंने आगे कहा, ''21वीं सदी में भारत की असली शक्ति तकनीक नहीं, बल्कि नैतिक मूल्यों, आध्यात्मिक दृढ़ता और साहस में निहित है. जब युवाओं के सामने अति-प्रतिस्पर्धा, मानसिक दबाव और तुलना की संस्कृति जैसी चुनौतियाँ हों, तब श्री गुरु तेग बहादुर जी और उनके चारों शहीद शिष्य नई पीढ़ी के लिए प्रकाशस्तंभ का कार्य कर रहे हैं.आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत गुरु महाराज जी की शिक्षाओं के अनुरूप मानवता के मार्गदर्शन का कार्य कर रहा है.
सरकार सिख विरासत के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध- CM
CM ने ये भी कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत आज 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के सिद्धांत पर आगे बढ़ रहा है, जो गुरु परंपरा की भावना का ही विस्तार है. हरियाणा सरकार सिख विरासत के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, ''राज्य सरकार सिख इतिहास और विरासत को संरक्षित एवं प्रचारित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है. 1984 के दंगों में अपने परिजनों को खो चुके हरियाणा के 121 सिख परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान किया गया है.
उन्होंने बताया कि दिसंबर 2022 में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की स्थापना कर लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया गया, जिससे सिख समुदाय को स्वायत्तता मिली है. सिरसा स्थित गुरुद्वारा श्री चिल्ला साहिब को 70 कनाल भूमि स्थानांतरित की गई है. सीएम ने बताया, ''यमुनानगर में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नाम 'हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर सिंह जी' के नाम पर रखा गया है. असंध कॉलेज का नाम 'बाबा फतेह सिंह जी कॉलेज' रखा गया है. लखनौर साहिब में 'माता गुजरी वी.एल.डी.ए. कॉलेज' स्थापित किया गया है. यमुनानगर के लौहगढ़ में बाबा बंदा सिंह बहादुर स्मारक का शिलान्यास किया गया.''
'स्वर्ण जयंती गुरु दर्शन यात्रा योजना' शुरू की- CM
उन्होंने कहा, ''तीर्थ यात्रियों को श्री हजूर साहिब, श्री ननकाना साहिब, श्री हेमकुंड साहिब और श्री पटना साहिब जैसे ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा हेतु वित्तीय सहायता देने के लिए 'स्वर्ण जयंती गुरु दर्शन यात्रा योजना' शुरू की गई है. पिछले 11 वर्षों में सिख विरासत और गुरुओं के ऐतिहासिक स्थलों को जो मान-सम्मान मिला है, वह हमारी राष्ट्रनीति का हिस्सा है.श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती से लेकर श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के 350वें स्मृति वर्ष तक भारत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है.''
'गुरु साहिब की शिक्षाओं को जीवन में धारण करना चाहिए'
हमें गुरु साहिब की शिक्षाओं को केवल स्मरण नहीं, बल्कि जीवन में धारण करना चाहिए. उन्होंने कामना की कि गुरु साहिब की कृपा से समूची मानवता के जीवन में शांति, सौहार्द और आध्यात्मिक शक्ति का संचार हो. इस अवसर पर चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय कुमार, मुख्यमंत्री के ओएसडी डॉ. प्रभलीन सिंह, श्री राज नेहरू, प्रो. जगदीप सिंह, प्रो. कुलदीप सिंह अग्निहोत्री सहित अनेक विद्वान और गणमान्य उपस्थित रहे.