हिसार की एक कोर्ट ने जासूसी के संदेह में गिरफ्तार इंफ्लुएंसर ज्योति मल्होत्रा की ज्यूडिशियल कस्टडी सोमवार (7 जुलाई) को 14 दिनों के लिए बढ़ा दी. ज्योति मल्होत्रा को 16 मई को गिरफ्तार किया था. हिसार की रहने वाली यूट्यूबर को न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन से गिरफ्तार किया गया था और उसके खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया.
गवर्नमेंट ने भी उसको स्पॉन्सर किया था- वकील
इस बीच ज्योति मल्होत्रा के वकील कुमार मुकेश ने कहा कि इस हफ्ते बेल के लिए प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा, "मीडिया में ये बात सामने आई है कि केरल सरकार ने ज्योति मल्होत्रा को टूरिज्म के वीडियो बनाने के लिए स्पॉन्सर किया था. ये तो ज्योति के पक्ष की बात है. ऐसे ही रेलवे ने भी स्पॉन्सर किया था. बार-बार जो सवाल उठ रहे है कि पैसे कहां से आए, गवर्नमेंट भी पैसा दे रही थी. गवर्नमेंट ने भी उसको स्पॉन्सर किया था."
21 जुलाई को कोर्ट में होगी अलगी सुनवाई
ज्योति मल्होत्रा फिलहाल न्यायिक हिरासत में है, लेकिन कोर्ट ने उसकी हिरासत अवधि को बढ़ा दिया है. वकील कुमार मुकेश ने कहा, ‘‘उसकी न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है और सुनवाई की अगली तारीख 21 जुलाई तय की गई है.’’ 33 साल की यूट्यूबर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोर्ट में पेश हुई.
यहां की एक और कोर्ट ने 9 जून को उसकी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी. पुलिस ने जमानत का विरोध करते हुए तर्क दिया था कि इस मामले में जांच अभी जारी है.
ज्योति को 16 मई को गिरफ्तार किये जाने के बाद कोर्ट ने पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था, लेकिन आगे की पूछताछ के लिए पुलिस के अनुरोध पर इस हिरासत अवधि को चार दिन के लिए और बढ़ा दिया था. कोर्ट ने 26 मई को उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया था.
पाक खुफिया संगठन के अधिकारी से संपर्क में थी ज्योति
हिसार पुलिस ने पहले कहा था कि मल्होत्रा के पास किसी भी सैन्य या रक्षा-संबंधी जानकारी तक पहुंच होने का कोई सबूत सामने नहीं आया है, लेकिन दावा किया कि वह कुछ लोगों के संपर्क में थी और उसे पता था कि वे पाकिस्तानी खुफिया संगठन के अधिकारी हैं.
पुलिस सूत्रों ने पहले कहा था कि वह नवंबर 2023 से पाकिस्तानी उच्चायोग के एक कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थी. दानिश को कथित तौर पर जासूसी में शामिल होने के आरोप में 13 मई को भारत ने निष्कासित कर दिया था.