हरियाणा के हिसार जिले में शुक्रवार (18 जुलाई) को 16 वर्षीय दलित किशोर गणेश का अंतिम संस्कार आखिरकार हो गया. ये तब किया गया, जब राज्य सरकार ने उसके परिवार की सभी मांगें मान लीं. 7 जुलाई को संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए गणेश की मौत को लेकर परिजन लगातार धरने पर बैठे थे और न्याय की मांग कर रहे थे.
अंततः सरकार की ओर से मांगें माने जाने के बाद 18 जुलाई की दोपहर उनका अंतिम संस्कार हुआ. इस दौरान हरियाणा सरकार के मंत्री कृष्ण कुमार बेदी और स्थानीय विधायक रणधीर पनिहार भी मौके पर मौजूद रहे.
क्या थी परिवार की मांगें?
परिवार की मांगे थी कि गणेश की मौत की निष्पक्ष जांच हो, हत्या की प्राथमिकी दर्ज हो, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और इसके अलावा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.गणेश के पिता विक्रम कुमार की शिकायत के आधार पर अब अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
इससे पहले जब पुलिस सात जुलाई को कॉलोनी में एक जन्मदिन की पार्टी में तेज आवाज में बज रहे संगीत को रोकने गई थी, तब ही गणेश की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी.
क्या रही मंत्री और प्रशासन की भूमिका?
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने 18 जुलाई को खुद धरना स्थल पर पहुंचकर परिजनों को भरोसा दिलाया कि उनकी सभी मांगें मान ली गई हैं. उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि परिवार द्वारा की गई शिकायत के आधार पर FIR दर्ज हो चुकी है और मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से की जाएगी. मंत्री ने कहा कि निर्दोषों को डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन दोषी बख्शे नहीं जाएंगे.
कब से चल रहा था ये धरना?
गणेश की मौत के बाद से परिवार और दलित समुदाय के कुछ सदस्य पिछले 11 दिनों से धरने पर बैठे हुए थे. शव को भी परिवार ने प्रशासन से समझौता होने तक लेने से इनकार कर दिया था. लेकिन 18 जुलाई को जब सरकार ने उनकी मांगें मान लीं, तब जाकर शव लिया गया और अंतिम संस्कार संपन्न हुआ. यह मामला न सिर्फ हिसार बल्कि पूरे हरियाणा में संवेदनशीलता का मुद्दा बन गया था.
बता दें कि 7 जुलाई को पुलिस की कार्रवाई के दौरान गणेश की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी. पीटीआई के अनुसार, FIR में हत्या की धारा और SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और सरकार की ओर से सभी मांगें मानने के बाद ही अंतिम संस्कार हुआ.