हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ए. श्रीनिवास ने मंगलवार (16 सितंबर) को एक अहम बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें चुनावी नामावलियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर विस्तृत चर्चा हुई.
इस दौरान उन्होंने सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से कहा कि वे 30 सितंबर तक अपने बूथ स्तर एजेंट (BLA) नियुक्त करें और इसकी जानकारी सीईओ कार्यालय, उपायुक्तों तथा जिला निर्वाचन अधिकारियों को उपलब्ध कराएं.
सीईओ ने बताया कि बीएलए, बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) और मतदाताओं के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम करते हैं. बीएलए अपने बूथ क्षेत्र में मतदाताओं से जुड़े बदलावों को बखूबी पहचानते हैं.
उन्होंने कहा कि वे यह जानकारी देते हैं कि कौन 18 वर्ष का हुआ है, कौन स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गया है और किन मतदाताओं का निधन हो चुका है. यही कारण है कि बीएलए की नियुक्ति से मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने में बड़ी मदद मिलती है.
मतदाताओं को एन्यूमरेशन फॉर्म को भरना होगा अनिवार्य
ए. श्रीनिवास ने बताया कि हरियाणा में इस प्रकार का गहन पुनरीक्षण करीब 23 साल बाद किया जा रहा है. इस प्रक्रिया के तहत 2024 की मतदाता सूची का मिलान 2002 की सूची से किया जाएगा. यदि किसी मतदाता का नाम दोनों सूचियों में पाया जाता है तो उन्हें अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी. हालांकि, ऐसे मतदाताओं को बीएलओ द्वारा दिए जाने वाले एन्यूमरेशन फॉर्म को भरना अनिवार्य होगा.
ऑनलाइन पोर्टल पर मतदाता खोज सकेंगे अपना नाम
बैठक में श्रीनिवास ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची को 'सर्चेबल मोड' में उपलब्ध कराने पर कार्य कर रहा है. इससे आम मतदाता आसानी से ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर अपने नाम की खोज कर सकेंगे.
आयोग आधार कार्ड को पहचान पत्र के रूप में शामिल करने पर करें विचार
गौरतलब है कि हाल ही में चुनाव आयोग ने बिहार में भी पहली बार विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया शुरू की है, जिस पर विपक्षी दलों ने संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक आपत्ति जताई थी. हालांकि, शीर्ष अदालत ने इस प्रक्रिया को जारी रखने की अनुमति देते हुए सुझाव दिया है कि आयोग आधार कार्ड को पहचान पत्र के रूप में शामिल करने पर विचार करें.
सीईओ ने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे 20 सितंबर तक 2002 और 2024 की मतदाता सूचियों के मिलान का कार्य बीएलओ द्वारा सुनिश्चित करें, ताकि मतदाता सूची को और अधिक पारदर्शी और सटीक बनाया जा सके.