देश के इतिहास में ये पहली बार हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम मंगवाई. इसके बाद फिर से गणना करवाई गई और हरियाणा में सरपंच के चुनाव परिणाम बदल गए. दरअसल, हरियाणा के पानीपत के बुआना लाखु गांव में सरपंच पद विवाद में सुप्रीम ने फैसला सुनाते हुई मोहित मलिक को 51 मतों से विजयी घोषित कर दिया गया है. 

सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि वे 2 दिनों के भीतर मोहित के सरपंच बनने की आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी करते हुए शपथ दिलाए. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद प्रशासन ने अपनी ओर से सभी कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है. 

भारी पड़ी अफसर की गलती

इधर, मोहित ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस से पहले शपथ हो जाएगी. इसके लिए वे प्रशासन से लगातार संपर्क में है. हालांकि नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है. पंचायती राज संस्थाओं के तहत 2 नवंबर को संपन्न हुए ग्राम पंचायत चुनाव में गांव बुआना लाखू में एक अफसर की मामूली चूक की वजह से कुछ घंटे के लिए दो सरपंच बन गए थे. प्रशासन ने भी दोनों को विजेता का प्रमाणपत्र दे दिया था, लेकिन कुछ ही देर में यह गलती भारी पड़ गई.

री-काउंटिंग से हारा जीता हुआ प्रत्याशी

री-काउंटिंग से जीता हुआ विजेता हार गया. अफसरों ने जब पड़ताल की तो गलती पकड़ में आ गई. जिसके बाद रात में ही रिजल्ट संशोधित कर विजेता को प्रमाणपत्र देकर दूसरे को दिए गए प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया गया.

पड़ताल में क्या आया सामने?

पड़ताल में सामने आया कि गांव के एक बूथ पर बैठे पीठासीन अधिकारी से दोनों प्रत्याशियों के परिणाम की अदला बदली हो गई. जब सभी बूथों का कुल योग किया गया तो विजेता हार गया और दूसरे नंबर पर रहने वाला प्रत्याशी जीत गया.

ऐसे पता चली गलती

गांव के लोगों ने जब इसकी बूथवार गणना की तो उन्हें पता चला कि यह गलती हुई है. प्रशासन को इससे अवगत कराया गया. जिसके बाद रिटर्निंग अधिकारी ने संशोधित रिजल्ट को अपडेट करते हुए विजेता को प्रमाणपत्र दिया और पहले वाले प्रत्याशी के प्रमाणपत्र को रद्द करने के लिए भी लिख दिया.

बूथ नंबर 69 पर गलती से पलटा रिजल्ट

पंचायती चुनाव में सरपंच पद के दावेदारों में बुआना लाखू गांव से 7 प्रत्याशी चुनाव लड़े थे. इनमें से दो प्रत्याशियों कुलदीप और मोहित में कड़ा मुकाबला था. इस गांव में बूथ नंबर 65, 66, 67, 68, 69 और 270 बनाए गए थे. प्रिजाइडिंग ऑफिसर से बूथ नंबर 69 पर गलती से रिजल्ट बदल गया.

मोहित को किया गया विजेता घोषित

यहां प्रत्याशी मोहित को मिले वोट कुलदीप के खाते में जुड़ गए और कुलदीप के वोट मोहित के खाते में जुड़ गए. जिसके बाद सभी बूथों के योग के आधार पर कुलदीप को विजयी घोषित कर दिया गया. कुलदीप को विजेता का प्रमाणपत्र भी दे दिया गया. गलती पकड़ में आने पर रिजल्ट को बदलते हुए मोहित को विजेता घोषित किया गया.