हरियाणा के कैथल जिले में गुरुवार (11 सितंबर) को जिला न्यायलय में गवाह के रूप में पेशी पर आए एक इंस्पेक्टर राजेश कुमार को लॉकअप में बंद कर दिया. इंस्पेक्टर राजेश अतिरिक्त सेशन जज मोहित अग्रवाल की कोर्ट में हत्या के केश जांच अधिकारी के रूप में अपनी गवाही देने आए थे, लेकिन आधा घंटा लेट होने के चलते अदालत ने फटकार लगाते हुए इंस्पेक्टर को लॉकअप में बंद करने के आदेश सुना दिए. इतना ही नहीं न्यायालय ने उनकी सैलरी अटैच करने की भी सजा सुना दी. 

आदेश में लिखा गया है कि इंस्पेक्टर राजेश बार बार कोर्ट की अवमानना कर रहे थे, जिसके खिलाफ पहले गैर जमानती वारंट भी जारी हुए थे. बार बार कोर्ट के बुलाने पर इंस्पेक्टर राजेश कोर्ट में सुबह 10:30 बजे हाजरी हुए है जबकि कोर्ट का समय सुबह 10 बजे शुरू हो जाता है. अदालत ने अपने आदेश में इंस्पेक्टर को 10:30 से 11:30 बजे तक बख्शी खाने (लॉकअप) में रखने के आदेश सुना दिए. 

कोर्ट ने क्यों सुनाए ऐसे आदेश?

पीड़ित पक्ष ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी कि हत्या के मामले पीड़ित पक्ष को न्याय मिलने में देरी हो रही है. जिसके चलते हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर 2024 को जिला अदालत को आदेश जारी किए थे कि कानून अनुसार तय समय में मामले पर फैसला सुनाया जाए. समिति समय में केस की सुनवाई के बाद भी इंस्पेक्टर बार बार कोर्ट में पेशी पर नहीं आ रहे थे.

क्या है पूरा मामला?

मौजूदा सिरसा जिले में तैनात इंस्पेक्टर राजेश 2021 में कैथल जिले के थाना सीवन में जांच अधिकारी के तौर पर तैनात थे. उस दौरान थाने के अंतर्गत एक गांव में शिकायतकर्ता के भतीजे की हत्या हुई थी. जिसके चलते मृतक के चाचा ने भतीजे की मौत में न्याय में हो रही देरी के चलते पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी कि उनके परिवार को जल्दी न्याय दिलवाया जाए.

इंस्पेक्टर की सैलरी अटैच 

पिछले महीने यानी 29 अगस्त को अदालत ने कैथल पुलिस अधीक्षक को आदेश जारी किए थे कि कोर्ट की अवमाना में इंस्पेक्टर की सैलरी अटैच की जाए. इंस्पेक्टर राजेश को हत्या के मामले में जांच अधिकारी होने के चलते फिर से कोर्ट में पेश किया गया जहां गवाही के बाद उन्हें छोड़ दिया गया.