हरियाणा के कुंजपुरा में एक घर का बिजली का बिल 1 करोड़ 45 लाख 17 हजार 279 रुपये आया है, जबकि उस घर के नीचे सिर्फ एक आरा मशीन चलती है और घर में पिछले डेढ़ साल से बिजली नहीं है. बिजली विभाग का कहना है कि यह टाइपिंग एरर है और असल बिल 14 लाख 51 हजार 279 रुपये का है.
परिवार चाहता है कि उन्हें 1 किलोवाट का नया कनेक्शन मिल जाए ताकि बच्चों को कोई परेशानी न हो, क्योंकि वे बिना बिजली के रह रहे हैं. परिवार का कहना है कि अगर कोर्ट कहता है कि 14 लाख 51 हजार 279 रुपये भरने हैं, तो वे भरने को तैयार हैं.
तब तक कनेक्शन नहीं मिलेगा - बिजली विभाग
वहीं बिजली विभाग का कहना है कि बिल न भरने के कारण उपभोक्ता डिफॉल्टर हो गए हैं और जब तक बकाया नहीं चुकाया जाएगा, तब तक कनेक्शन नहीं मिलेगा. अब विनोद का परिवार ऊर्जा मंत्री अनिल विज से चंडीगढ़ में मिलकर इस बिजली बिल के मामले में गुहार लगाएगा.
करनाल के कुंजपुरा गांव में रहने वाले विनोद ने बातचीत में बताया, "अभी मैंने कुछ समय पहले अपनी पत्नी के नाम पर बिजली का मीटर अप्लाई किया था. मेरे पिता जी के नाम जो पेंडिंग बिल था, उसे लेकर बिजली विभाग ने मेरा करीब 1 करोड़ 45 लाख रुपये का बिल पेंडिंग दिखा दिया गया."
मुझे कोर्ट में सिर्फ 22,000 रुपये देने हैं - विनोद
साथ ही विनोद ने बताया कि मुझे कोर्ट में सिर्फ 22,000 रुपये देने हैं. मैंने कुछ पैसे पहले ही जमा कर दिए हैं, जिसकी रसीद हमारे पास है. बाकी कोर्ट जो भी फैसला करेगी, वह हमें मंजूर होगा. उन्होंने कहा कि डेढ़ साल पहले मेरा बिजली का मीटर लगा हुआ था. उस समय बिजली विभाग मेरा मीटर उतारकर ले गया था.
उन्होंने कहा, पहले बिजली विभाग ने मेरा एम.एस. कनेक्शन कर दिया था. अब हम सिर्फ बिजली विभाग से एक किलोवाट के कनेक्शन की मांग कर रहे हैं, जिससे हमारे घर में दोबारा बिजली की रोशनी हो जाए. गर्मी में हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
कोर्ट ने करंट बिल भरने का ऑर्डर दिया
मामले में जब करनाल के नेवल गांव में मौजूद बिजली विभाग के अधिकारी तरुण जैन से बातचीत की गई तो जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, डेढ़ करोड़ का अधिक बिल नहीं है. दरअसल, विनोद ने जो नया बिजली का कनेक्शन लेने के लिए आवेदन किया था, उनकी फाइल में जो भी दस्तावेज थे, उन्हें देखकर फाइल को निकाल दिया गया था.
फाइल निकालने के बाद टीम जब वेरिफिकेशन के लिए गई तो उन्होंने देखा कि वहां पर जो पुराना कनेक्शन ज्ञान चंद के नाम से था, उसकी 2015 से पहले चेकिंग की गई थी. उस दौरान उन पर जुर्माना लगाया गया था. उस जुर्माने के चलते वह कोर्ट में चले गए थे. कोर्ट ने उन्हें करंट बिल भरने का ऑर्डर दिया था.
मामला हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज के दरबार में पहुंच चुका है
तरुण जैन ने कहा, उन्होंने करंट बिल भी नहीं भरा. वह अमाउंट धीरे-धीरे बढ़कर 14 लाख 51 हजार के करीब पेंडिंग हो गया. बाद में लाइनमैन ने मुझे फाइल वापस दे दी. उस फाइल को हम नई मंजूर नहीं कर सकते जहां पर डिफॉल्ट अमाउंट बाकी है.
फिलहाल, बिजली विभाग की एक गलती और परिवार ने बिजली का बिल न भरने को लेकर यह खबर इस समय चर्चा का विषय जरूर बनी हुई है. वहीं, परिवार अपनी बात रख रहा है और बिजली विभाग अपना तर्क प्रस्तुत कर रहा है. इस बीच, अब मामला हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज के दरबार में पहुंच चुका है.