हरियाणा सरकार ने शनिवार (20 सितंबर) को चावल वितरण की अवधि 15 मार्च से बढ़ाकर 30 जून कर दी है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि इस कदम से राज्य की लगभग 1,000 राइस मिलों को सीधे लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि मिल मालिकों को धारिता (होल्डिंग) शुल्क में करीब 50 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी.

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मिलों की मांग को मान्यता

मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन ने सरकार को अवगत कराया था कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने चावल की डिलीवरी में लगभग 45 दिन की देरी की. इस वजह से मिल मालिक तय समय में अपना काम पूरा नहीं कर पा रहे थे.

सरकार ने इस मांग को सही मानते हुए बोनस पात्रता अवधि 15 मार्च से बढ़ाकर 30 जून कर दी है. साथ ही मिल मालिकों के लिए चावल वितरण की अवधि भी 30 जून तक बढ़ा दी गई है.

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किसानों के हित में सरकार का फैसला

सैनी ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित की रक्षा के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रही है. इस दिशा में इस साल धान की सरकारी खरीद एक अक्टूबर के बजाय 22 सितंबर से शुरू होगी.

मुख्यमंत्री ने यह भी साफ किया कि कांग्रेस पार्टी किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है, यह दावा करके कि भाजपा सरकार एमएसपी प्रणाली को समाप्त कर देगी.

एमएसपी में लगातार बढ़ोतरी

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने फसलों पर एमएसपी में लगातार वृद्धि की है. वर्ष 2014 में सामान्य धान का एमएसपी 1,360 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब बढ़कर 2,369 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. इसी तरह, ग्रेड-ए धान का एमएसपी 1,400 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2,389 रुपये प्रति क्विंटल हो चुका है.

सैनी ने किसानों से अपील की कि वे सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को समझें और किसी अफवाह में न आएं. उन्होंने यह भी कहा कि मिलों को समय पर चावल वितरण सुनिश्चित करने के लिए हर जरूरी मदद दी जाएगी.