हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह का एक बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. उन्होंने कहा कि "थार और बुलेट से बदमाश चलते हैं, जिसके पास भी थार होगी उसका दिमाग घुमा होगा." 

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यह बयान उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया, जब हाल के वर्षों में थार गाड़ियों से जुड़े हादसों और स्टंट के मामलों पर सवाल उठाए जा रहे थे. डीजीपी का यह बयान कानून व्यवस्था और युवाओं के वाहनों के प्रति नजरिए पर बहस छेड़ गया है.

थार और बुलेट बने ‘पावर सिंबल’!

भारत में थार और बुलेट जैसी गाड़ियां सिर्फ वाहन नहीं, बल्कि ताकत और रुतबे की पहचान मानी जाती हैं. लेकिन चिंता की बात यह है कि कई जगह इन वाहनों का इस्तेमाल स्टंट और अवैध रेसिंग के लिए हो रहा है. डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि "जिस तरह की गाड़ियां हैं, वो माइंडसेट शो करती हैं. थार गाड़ी वाले स्टंट करते हैं. हमारे एसीपी के बेटे ने थार से एक को कुचला, बाद में पैरवी करने आए."

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कानून का दुरुपयोग भी चिंता का विषय- DGP

डीजीपी ओपी सिंह ने आगे कहा कि राज्य में कानून का दुरुपयोग बढ़ रहा है. उनके मुताबिक, "राज्य में आने वाली कम से कम 20 प्रतिशत शिकायतें झूठी होती हैं, जिनमें अधिकतर व्यक्तिगत विवादों से उपजी होती हैं." 

उन्होंने कहा कि पुलिस का कर्तव्य केवल अपराध नियंत्रित करना नहीं, बल्कि नागरिकों को सुरक्षा और न्याय का भरोसा दिलाना भी है. सिंह ने कहा कि पुलिस को जनता के साथ भरोसेमंद संबंध बनाए रखने होंगे और 'पावर' का इस्तेमाल संयम से करना होगा.

जनता से भरोसे का रिश्ता जरूरी- DGP

प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजीपी ने जोर दिया कि पुलिस का चेहरा जनता के बीच भरोसेमंद बनना चाहिए. पीटीआई के अनुसार, उन्होंने कहा कि पुलिस को नागरिक-हितैषी बनना होगा और भरोसे की कमी को दूर करना होगा. उनका बयान युवाओं के व्यवहार, वाहनों के प्रतीकात्मक इस्तेमाल और कानून व्यवस्था पर गंभीर चर्चा की ओर इशारा करता है. फिलहाल डीजीपी का यह बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां लोग इसे समाज में बढ़ते दिखावे और ‘रुतबे की गाड़ियों’ के चलन से जोड़कर देख रहे हैं.