Haryana Congress News: हरियाणा में नई सरकार बने चार-पांच महीने हो चुके हैं लेकिन विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का चयन अभी तक नहीं हो सका है. हरियाणा कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी नेता विपक्ष पर फैसला नहीं हो सका है. इसको लेकर अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का बयान आया है. 

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, "विधायक दल ने पहले ही प्रस्ताव पारित कर के केंद्रीय नेतृत्व को नेता विपक्ष चुनने का अधिकार दिया हुआ है."

अनिल विज ने बताई वजह?वहीं, नेता प्रतिपक्ष पर अब तक फैसला न हो पाने को लेकर सत्ताधारी दल बीजेपी भी कांग्रेस पर हमलावर है. हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज का कहना है, "कांग्रेस में बहुत झगड़ा चल रहा है. विधायक चाह रहे हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता बनें लेकिन हाई कमान हुड्डा साहब को नहीं बनाना चाहती है. इसी में यह मामला अटका हुआ है."

भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम चल रहा था आगेगौरतलब है कि बुधवार (5 मार्च) को भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट के नेताओं ने कांग्रेस प्रभारी बीके हरिप्रसाद से मांग की थी कि विधायक दल के नेता का चयन कर लें. शुक्रवार (7 मार्च) से हरियाणा में विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने वाला है. इससे पहले गुरुवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई, लेकिन नेता प्रतिपक्ष के नाम का चयन नहीं हो सका. 

स्वाभाविक तौर पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम नेता प्रतिपक्ष के लिए आगे चल रहा था. अगर भूपेंद्र सिंह हुड्डा नहीं तो अशोक अरोड़ा या गीता भुक्कल का नाम भी संभावित तौर पर आगे चल रहा था. 

क्या बीके हरिप्रसाद बना पाएंगे संतुलन?कांग्रेस प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने सभी नेताओं से एक–एक कर चर्चा की. विधायक दल के नेता के अलावा कुछ नेताओं ने नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की भी मांग रखी थी. दरअसल, हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी एक बड़ी समस्या है, जिसका इलाज पार्टी आलाकमान अभी तक नहीं कर सका है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि बेहद अनुभवी माने जाने वाले बीके हरिप्रसाद संतुलन बनाए रखते हुए संगठन में क्या बदलाव कर पाते हैं? 

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