हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही सियासी पारा चढ़ गया है. सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही गई, जिस पर हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला. अनिल विज ने कहा कि कांग्रेस के पास कहने और करने के लिए कुछ भी नहीं बचा है और उनका अविश्वास प्रस्ताव सदन में धड़ाम से गिर जाएगा.
अनिल विज ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ सुर्खियों में बने रहने के लिए ऐसे प्रस्ताव लाने की बात करती है. उन्होंने कहा कि विधानसभा में कांग्रेस के पास न तो संख्या बल है और न ही कोई ठोस मुद्दा. इसलिए उनका प्रस्ताव अपने आप ही गिर जाएगा. विज के इस बयान के बाद सदन के बाहर भी सियासी बयानबाजी तेज हो गई.
मनरेगा के नाम बदलने पर कांग्रेस को जवाब
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मनरेगा का नाम बदले जाने को लेकर प्रदर्शन की चेतावनी दी है. इस पर अनिल विज ने मजाकिया अंदाज में प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब हर जगह हार चुकी है, इसलिए उनके पास कार्यकर्ताओं को व्यस्त रखने के लिए कोई न कोई कार्यक्रम करना मजबूरी हो गया है.
विज ने कहा कि नाम बदलने में तकलीफ क्या है. असल में कांग्रेस को दिक्कत इसलिए हो रही है क्योंकि इसमें राम जी का नाम जुड़ गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस को शुरू से ही राम जी से तकलीफ रही है. राम मंदिर बनने पर भी इन्हें परेशानी थी, मंदिर बन गया तो फिर परेशानी हुई और अब श्रद्धालु बड़ी संख्या में राम मंदिर जा रहे हैं, तो यह और ज्यादा बेचैन हो गए हैं.
पृथ्वीराज चौहान के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर दिए गए बयान पर भी अनिल विज ने तीखे तेवर दिखाए. विज ने कहा कि पृथ्वीराज चौहान देश के गद्दार की तरह बातें कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि हमारे जांबाज सैनिकों की तोहीन करने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है.
अनिल विज ने मांग की कि इस मामले में पृथ्वीराज चौहान पर केस चलना चाहिए. उन्होंने सवाल उठाया कि यह इंटेलिजेंस से जुड़ी बातें हैं, इन्हें यह जानकारी कैसे मिली और किसके साथ तालमेल है.
विज ने यहां तक कहा कि चौहान की भाषा हिंदुस्तानी नहीं लगती, बल्कि पाकिस्तान की भाषा जैसी है और यह भी जांच होनी चाहिए कि उनके पाकिस्तान से क्या संबंध हैं.