हांसी पुलिस ने गुरुवार (27 नवंबर) को जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में उम्रकैद की सजा काट रहे आरोपी दलजीत सिहाग का आपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक कर दिया. पुलिस ने बताया कि दलजीत पर कुल 61 मामले दर्ज हैं, जिनमें सबसे अधिक केस हांसी सिटी थाने में हैं. पुलिस की ओर से जारी लिस्ट में डकैती, लूट, अपहरण और कई गंभीर धाराएं शामिल हैं.
पत्नी ने लगाए थे आरोप
इससे पहले दलजीत की पत्नी अनिता ने दावा किया था कि उनके पति पर केवल 6 केस ही दर्ज हैं. उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि जानबूझकर केसों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर 61 बताई जा रही है. साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि पुलिस बताए कि उनका पति किस गैंग से जुड़ा था.
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में DSP देवेंद्र नैन ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि दलजीत सिहाग एक सामान्य व्यक्ति नहीं है, बल्कि वह प्रदीप जमावड़ी गैंग का पूर्व सक्रिय सदस्य रह चुका है.
उन्होंने बताया कि दलजीत के खिलाफ पहला मामला साल 2004 में दर्ज हुआ था, जो यह साबित करता है कि वह लंबे समय से आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है. उनका आखिरी केस इसी महीने दर्ज हुआ है.
‘बेड़ियां डालकर घुमाने’ पर भी दी सफाई
दो दिन पहले दलजीत की पत्नी ने यह मुद्दा उठाया था कि पुलिस ने दलजीत को बेड़ियां डालकर शहर में घुमाया. इस पर DSP नैन ने सफाई दी कि दलजीत को प्रोडक्शन वारंट पर हांसी लाया गया था, और प्रक्रिया के तहत सुरक्षा कारणों से उसे बेड़ियां लगाई गई थीं. उन्होंने कहा कि इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.
DSP देवेंद्र नैन ने सख्त लहजे में कहा कि किसी भी अपराधी को समाज में हीरो की तरह प्रस्तुत नहीं किया जाना चाहिए. इससे युवा गलत दिशा में जा सकते हैं. उन्होंने साफ कहा कि अपराध करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है.
कानून के दायरे में रहेगी कार्रवाई
पुलिस ने स्पष्ट किया कि वे किसी एक व्यक्ति को टारगेट नहीं कर रहे, बल्कि हर उस व्यक्ति पर कार्रवाई कर रहे हैं जिसने अपराध किया है. दलजीत के खिलाफ भी आगे कानून के तहत कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी. पुलिस ने लोगों से अपील की कि वे अपराधियों का महिमामंडन न करें और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें.