दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम के सेक्टर 63 A के गांव कादरपुर और उसके आसपास में इस वक्त हड़कंप मच गया जब कदरपुर में बना 200 साल पुराना बांध टूट गया और आसपास के इलाकों में पानी भर गया. अरावली से आया पानी का दबाव इतनी तेज हुआ कि कदरपुर गांव का बांध भर भरा कर टूट गया. और गांव सहित आसपास के इलाके जलमग्न हो गए. इस दौरान वहां से लोगों का आना-जाना भी बंद हो गया.

साइबर सिटी गुरुग्राम के सेक्टर 63 A के गांव कादरपुर में बना 200 साल पुराना बंद अचानक भरभरा कर टूट गया. दरअसल अरावली से आने वाला पानी इस बांध के पास तालाब में इकट्ठा होता था. समय-समय पर इस तालाब की सफाई करवाई जाती थी और बंद की मरम्मत का काम भी किया जाता था, लेकिन अब कई सालों से ना तो बांध के पीछे तालाब की सफाई करवाई गई और ना ही बंद की मरम्मत का काम किया गया.

आसपास का इलाका हो गया जलमग्न

इसी का नतीजा यह हुआ कि कदरपुर गांव और आसपास के गांव और सेक्टर पानी से लबालब भर गए. क्योंकि अरावली से आने वाला पानी कल आई बारिश के कारण इतनी तेजी से आया कि सेक्टर 63 A के कादरपुर गांव मैं अंग्रेजों के समय से बना हुआ करीब 200 साल पुराना बांध टूट गया. अरावली से पानी इतनी तेजी से नीचे आया कि बांध उसको सम्भाल नहीं सका और बांध टूट गया और आसपास का इलाका जलमग्न हो गया.

लोगों का आना-जाना भी हो गया बंद

आपको बता दे की कल बारिश के बाद बांध टूट जाने के कारण इतनी तेज पानी आया कि आसपास के सेक्टर और गांव साथ के गगनचुंबी इमारतों के नीचे इतना पानी भर गया मानो बाढ़ आ गई हो. बांध टूट जाने के कारण सड़कों पर इतनी तेज पानी आ गया कि वहां से लोगों का आना-जाना भी बंद हो गया.

आसपास के इलाके में भरता हुआ नजर आया पानी

आपको बता दें कि इसी रोड से होकर सीआरपीएफ बटालियन के जवान भी जाते हैं इसके साथ पुलिस ट्रेनिंग कैंप भीं यहीं पर है जो यहां पर हरियाणा पुलिस के जवान ट्रेनिंग कर रहे है वे भी यहां से आगे नहीं जा सके. कुछ लोग तो यहां भर पानी में मछली पकड़ते हुए भी नजर आए. हालांकि रात को बारिश नहीं आई इस वजह से पानी का दबाव काम हुआ लेकिन पानी फिर भी आसपास के इलाके में भरता हुआ नजर आया.

'करीब 200 साल पुराना है बांध'

कदरपुर के पास बांध टूट जाने के बाद वहां मौजूद ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. ग्रामीणों ने कहा कि यह बांध करीब 200 साल पुराना है और पहले इस बांध के पीछे तालाब की हर वर्ष सफाई की जाती थी और इसके साथ-साथ बांध की मरम्मत भी की जाती थी, लेकिन पिछले कई सालों से नगर निगम ना तो इस तालाब की सफाई कर पा रहा है और ना ही बांध की मरम्मत की. अगर नगर निगम इस बांध की मरम्मत का काम बारिश से पहले कर देता तो हो सकता है यह बंद ना टूटा और आसपास का इलाका जलमग्न ना होता.

'हो सकता है कि यह बात फिर से टूट जाए'

ग्रामीणों द्वारा कई बार नगर निगम के अधिकारियों को बांध के बारे में जानकारी देने के बाद भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा लेकिन ग्रामीणों ने खुद ही जेसीबी मंगवाई और बांध की मरम्मत का काम शुरू कर दिया. हालांकि आज सुबह बारिश नहीं हुई जिसकी वजह से पानी कब आ रहा है लेकिन बांध की मरम्मत के काम के चलते हुए अगर बारिश आ गई तो हो सकता है कि यह बात फिर से टूट जाए और यहां से आने वाला पानी और आगे तक इलाकों में भर जाए.