दिल्ली से सटे फरीदाबाद में मंगलवार (22 जुलाई) की सुबह, जब करीब आधे से ज्यादा लोग घरों में सो रहे होंगे, तभी अचानक धरती हिलने से दहशत का माहौल बन गया. सुबह करीब 6.00 बजे 3.2 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके चलते लोगों ने झटके महसूस किए. ज्यादातर लोगों की नींद ही इन झटकों से खुली. इसके बाद डर के मारे सभी घरों से बाहर आ गए. गनीमत रही कि झटके इतने तेज नहीं थे कि कोई नुकसान हो.
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर दी है. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र फरीदाबाद से 16 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में था और जमीन से गहराई 5 किलोमीटर थी.
एक हफ्ते के अंदर चौथी बार भूकंपगौरतलब है कि बीते एक हफ्ते में हरियाणा से ही भूकंप की कई खबरें आई हैं. बीते 16 जुलाई को तीसरी बार भूकंप आया था और आज चौथी बार फिर धरती हिली है. बुधवार (16 जुलाई) की रात को हरियाणा के रोहतक जिले में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे.
भूकंप विज्ञान केंद्र ने जानकारी दी थी कि बुधवार की देर रात करीब 12:46 पर 3.3 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था. इसका केंद्र रोहतक से 15 किलोमीटर पूर्व में 10 किलोमीटर की गहराई में था. किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं थी. भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग देर रात ही अपने घरों से बाहर दौड़ पड़े थे.
लगातार आ रहे भूकंपइससे पहले शुक्रवार (11 जुलाई) को रोहतक के पास वाले जिले झज्जर में भी करीब इतनी ही तीव्रता का भूकंप आय़ा था. वहीं, उससे भी एक दिन पहले झज्जर में ही 4.4 तीव्रता का के झटके महसूस किए गए थे. उस दौरान दिल्ली में भी हल्के झटकों से धरती हिली थी.
क्यों आता है भूकंप?भूकंप आने का मुख्य कारण पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की गति और आपसी टकराव होता है. पृथ्वी की बाहरी परत कई टुकड़ों (प्लेट) में बंटी हुई है, जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है. ये प्लेटें लगातार बहुत धीमी गति से हिलती रहती हैं. जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, एक-दूसरे के ऊपर या नीचे खिसकती हैं या किनारों पर रगड़ती हैं, तब उनमें तनाव जमा होता है. जब यह तनाव बहुत ज्यादा हो जाता है, तो वह अचानक टूटता है और उस ऊर्जा का विस्फोट होता है. इसी ऊर्जा को हम भूकंप के रूप में महसूस करते हैं.