कांग्रेस के अपने ही नेता ने पार्टी से नाराज हो कर आत्मचिंतन करने की सलाह दे डाली. दरअसल कांग्रेस ने 29 सितंबर को राव नरेंद्र सिंह को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त कर दिया. बताया गया कि यह बदलाव राज्य में संगठनात्मक मजबूती के प्रयास के लिए किया गया, लेकिन यह बदलाव पार्टी के वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय सिंह यादव को रास नहीं आया.

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इस फैसले के तुरंत बाद कैप्टन अजय सिंह यादव ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधते हुए एक पोस्ट कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हरियाणा में अपने गिरते राजनीतिक ग्राफ पर आत्मचिंतन करना चाहिए.

नई नियुक्तियां और संगठनात्मक फेरबदल

62 वर्षीय राव नरेंद्र सिंह अहीरवाल बेल्ट से आने वाले ओबीसी नेता हैं और राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने उदय भान की जगह ली है जिन्हें अप्रैल 2022 में प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. साथ ही, पार्टी ने 78 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस विधायक दल का नेता नियुक्त किया है. 

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अजय यादव का कड़ा रुख

राव नरेंद्र सिंह की नियुक्ति के तुरंत बाद अजय यादव ने अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया मंच एक्स पर दर्ज कराई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को राज्य में लगातार कमजोर हो रहे जनाधार पर गंभीर आत्ममंथन करना होगा. यादव के अनुसार, राहुल गांधी हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर एक स्वच्छ, बेदाग छवि वाले और युवा चेहरे को लाना चाहते थे, लेकिन जो निर्णय हुआ वह इसके विपरीत है. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी कैडर का मनोबल इस समय अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच चुका है.

पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण समय

विश्लेषकों का मानना है कि हरियाणा में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के सामने संगठन को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं का भरोसा बहाल करने की चुनौती है. पीटीआई के अनुसार, राव नरेंद्र सिंह की नियुक्ति से जहां ओबीसी समुदाय को साधने की कोशिश होगी, वहीं अजय यादव जैसे वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी पार्टी के अंदरूनी मतभेदों को उजागर करती है. ऐसे समय में आत्मचिंतन और समन्वय ही कांग्रेस को राज्य में मजबूत विकल्प के रूप में खड़ा कर सकते हैं.