हरियाणा में बाढ़ से किसानों को हुए भारी नुकसान पर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर सीधा हमला बोला है. पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने कहा कि 'अगर पंजाब में किसानों को 30 दिन में 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जा सकता है, तो हरियाणा में ऐसा क्यों नहीं हो सकता?'

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ढांडा ने बताया कि बाढ़ से हरियाणा में 5 लाख 30 हजार किसान, 6,395 गांव और करीब 31 लाख एकड़ जमीन प्रभावित हुई है. इसके बावजूद किसानों को आज तक एक रुपया मुआवजा नहीं मिला. 8 जिलों में 15,834 एकड़ की गिरदावरी का काम अभी अधूरा है. उन्होंने कहा, 'इतना बड़ा नुकसान हो गया, लेकिन बीजेपी सरकार चुपचाप बैठी है. ये किसानों के साथ सीधा धोखा है.

बीजेपी सरकार पर साधा निशाना

बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'सरकार ने सिर्फ ₹15,000 प्रति एकड़ मुआवजे की बात कही, लेकिन किसानों के खाते में अब तक कुछ नहीं आया. दूसरी तरफ पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार ने ₹20,000 प्रति एकड़ का मुआवजा तय किया और 30वें दिन ही किसानों के बैंक खातों में पैसा पहुंचा दिया. पंजाब में काम हुआ, हरियाणा में सिर्फ बात हुई.

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मुख्यमंत्री नायब सिंह पर कटाक्ष करते हुए ढांडा ने कहा, 'मुख्यमंत्री को किसानों का दर्द दिखता ही नहीं. MSP पर फसल नहीं बिक रही, खेत बाढ़ में डूबे हैं, फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, लेकिन मुख्यमंत्री दिल्ली में राजनीतिक बैठकों में व्यस्त हैं. किसानों को राहत देने की बजाय सरकार ने मुंह मोड़ लिया है.

आप नेता ने क्या बताया

उन्होंने बताया कि पंजाब में 11 सितंबर को विशेष गिरदावरी की घोषणा हुई थी. 45 दिन में काम पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन 30वें दिन ही मुआवजा किसानों को मिलना शुरू हो गया. 2,508 गांवों में गिरदावरी पूरी कर 3.5 लाख एकड़ जमीन पर 20,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया गया. घरों और पशुधन के नुकसान की भरपाई भी सीधे किसानों के खातों में पारदर्शी तरीके से की गई.

ढांडा ने कहा, 'फर्क सिर्फ नीयत का है. पंजाब में किसानों को उनका हक़ समय पर मिला, हरियाणा में किसान अब भी इंतजार कर रहे हैं. बीजेपी सरकार किसानों की मदद करने की बजाय राजनीति में उलझी है. उन्होंने हरियाणा के किसानों से अपील की कि वे इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं. 'अगर बीजेपी सरकार में जरा भी शर्म है तो किसानों से माफी मांगे और तुरंत मुआवजा जारी करे. किसानों को राहत चाहिए, बयानबाजी नहीं.

अंत में उन्होंने कहा, 'पंजाब मॉडल ने दिखा दिया है कि अगर नीयत साफ हो तो किसानों को समय पर राहत मिल सकती है. अब हरियाणा के किसानों को भी इस निकम्मी और किसान विरोधी सरकार से जवाब मांगना चाहिए.'