Gujarat Voter List Update: गुजरात में चल रहे मतदाता सूची के एसआईआर (SIR) के दौरान बेहद चौंकाने वाले शब्द सामने आए हैं. चुनाव आयोग ने जांच में पता चला है कि राज्य की मतदाता सूची में बड़ी संख्या में ऐसे नाम शामिल थे जो सालों पहले मर चुके हैं या स्थायी रूप से कहीं और चले गए हैं. यह अभियान मतदाता सूची को पारदर्शी और गलती रहित बनाने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है.
राज्य में इस साल के आंकड़ों के अनुसार, 5 करोड़ से अधिक मतदाताओं को गणना फॉर्म बांटे गए हैं. इस अभियान का गणना चरण 11 दिसंबर तक जारी रहेगा. इस दौरान जो जानकारियाँ सामने आईं, वह काफी हैरान करने वाली हैं.
मतदाता सूची में ‘भूतिया’ नामों की भरमार
मुख्य निर्वाचन अधिकारी हरीत शुक्ला की देखरेख में चल रहे इस मेगा ड्राइव के दौरान ग्राउंड लेवल पर की गई जांच में कई बड़ी कमियाँ सामने आईं:
- 15.58 लाख से अधिक मृतक मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज पाए गए.
- 21.86 लाख से ज्यादा मतदाता ऐसे मिले जो स्थायी रूप से राज्य छोड़कर कहीं और बस चुके हैं.
- 4 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम ऐसे मिले जो अपने पते पर मौजूद ही नहीं थे.
- 2.68 लाख से अधिक नाम ऐसे पाए गए जो सूची में दोहराए गए थे यानी एक ही व्यक्ति का नाम एक से अधिक बार था.
इन सभी गलतियों को सुधारने का कार्य तेजी से किया जा रहा है ताकि आगामी चुनावों में किसी प्रकार की गड़बड़ी न रहे और मतदाता सूची पूरी तरह साफ-सुथरी हो.
धानेरा और लिमखेड़ा में डिजिटलीकरण पूरा
फॉर्म वितरण के बाद अब इन फॉर्मों को डिजिटलीकृत करने का कार्य चल रहा है. इस मामले में बनासकांठा की धानेरा और दाहोद की लिमखेड़ा विधानसभा सीट ने 100 प्रतिशत डिजिटलीकरण कर राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया है. राज्य के अधिकतर जिलों में फॉर्म वितरण का काम भी पूरी तरह पूरा हो चुका है.
डांग जिला पूरे राज्य में नंबर वन
डांग जिला इस अभियान में तकनीकी उपयोग का उत्कृष्ट उदाहरण बनकर उभरा है. यहां 93.14 प्रतिशत गणना फॉर्म का डिजिटलीकरण हो चुका है, जिससे यह जिला राज्य में पहले स्थान पर पहुंच गया है. इसके बाद गिर सोमनाथ, बनासकांठा, साबरकांठा और मोरबी जैसे जिले शीर्ष दस में शामिल हैं.
बीएलओ की मेहनत की सराहना
इस पूरी प्रक्रिया में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) की रही है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने बीएलओ के कठिन काम की सराहना करते हुए कहा है कि अगर उन्हें फील्ड में किसी प्रकार की परेशानी आए तो वे स्थानीय मामलतदार या चुनाव कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं.