Gujarat Police: गुजरात में आत्महत्या का आंकड़ा चौंकाने वाला है. गुजरात सरकार ने सोमवार (26 फरवरी) को विधानसभा में यह जानकारी दी कि पिछले तीन साल में करीब 25 हजार लोगों ने सुसाइड किया है. इनमें से लगभग 500 छात्र थे. भूपेंद्र पटेल सरकार की ओर से ये आंकड़े सदन में पेश किए गए. पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात के अलग-अलग हिस्सों में 25 हजार 478 लोगों ने अपनी जान ले ली.


राज्य सरकार ने दी ये जानकारी
गुजरात सरकार ने सोमवार को विधानसभा को सूचित किया कि पिछले तीन वित्त वर्ष के दौरान राज्य में विभिन्न वजहों से 25,000 से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर ली, जिनमें से करीब 500 विद्यार्थी थे. राज्य सरकार द्वारा सदन में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन साल के दौरान गुजरात के विभिन्न हिस्सों में 25,478 लोगों ने आत्महत्या की है जिनमें से 495 विद्यार्थी थे.


सीएम भूपेन्द्र पटेल ने कही ये बात
कांग्रेस सदस्य इमरान खेड़ावाला के एक सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में 8,307 लोगों ने आत्महत्या कर ली जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में 8,614 और 2022-23 में 8,557 लोगों ने आत्महत्या कर ली. गृह विभाग का भी जिम्मा संभाल रहे पटेल ने कहा कि आत्महत्या के सबसे अधिक (3,280) मामले अहमदाबाद शहर में दर्ज किये गये जबकि सूरत शहर में 2,862 और राजकोट शहर में 1,287 मामले दर्ज किये गये. अब ऐसे में ये आंकड़े बेहद चौंका देने वाले हैं.


क्या है वजह?
सरकार के अनुसार ऐसे अतिवादी कदम के कारणों में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मामले, प्रेम मुद्दे, गंभीर बीमारी, पारिवारिक समस्याएं, वित्तीय संकट और परीक्षा में नाकाम होने का डर शामिल हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को ऐसे कदम उठाने से रोकने के लिए राज्य सरकार '181 अभयम' और '1096 जिंदगी' हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से परामर्श प्रदान करती है.


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