Gujarat Latest News: गुजरात के साबरकांठा में जिला प्राथमिक और सामुदायिक केंद्रों के 400 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को काम पर न लौटने और अपनी मांगों के समर्थन में गांधीनगर में अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखने के कारण मंगलवार को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.

स्वास्थ्य सेवा से बर्खास्त किए गए कर्मचारी तकनीकी कैडर में शामिल किए जाने, ग्रेड पे संशोधन करने के साथ विभागीय परिक्षाओं को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. इसी को लेकर वे गांधीनगर में अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल कर रहे थे. ये कर्मचारी नोटिस जारी करने के बाद भी वापस काम पर नहीं लौट रहे थे.

मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने जारी किया नोटिससाबरकांठा के मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी (सीडीएचओ) डॉ. राज सुतारिया ने कहा, ‘‘उप-केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के स्वास्थ्य कर्मचारियों को नोटिस जारी किए जाने के बाद 116 कर्मचारी काम पर वापस लौट आए हैं, इसके बावजूद अन्य लोग अनुपस्थित रहे.

116 कर्मचारी ने काम पर की वापसी साबरकांठा के मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी (सीडीएचओ) डॉ. राज सुतारिया ने जानकारी देते हुए बताया कि हड़ताल पर गए कर्मचारियों में से 116 कर्मचारी ने काम पर वापसी कर ली, लेकिन शेष स्वास्थ्यकर्मी ड्यूटी पर अनुपस्थित रहे. इसके चलते 406 कर्मचारियों को सेवा से हटा दिया गया, जबकि पर्यवेक्षक कैडर के 55 कर्मचारियों को आरोप पत्र जारी कर उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है.

बता दें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्द्र के स्वास्थकर्मी अपनी मागों के समर्थन में 12 मार्च से गांधीनगर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

विपक्ष ने किया सरकार पर हमला इस बीच सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता अमित चावड़ा ने सरकार को याद दिलाया कि स्वास्थ कर्मियों ने कोविड-19 महमारी के दौरान मरिजों की जान बचाने में कड़ी मेननत की. उन्होंने कहा, "लंबे समय से ये कर्मचारी लगातार अपनी वित्तीय और प्रशासनिक मांगों को राज्य सरकार के समक्ष रखते आ रहे हैं. सरकार ने कई बार उनसे बातचीत भी की है. लेकिन, वह अपने द्वारा गठित समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करना चाहती है."

राज्य सरकार की नीतियों की तुलना ब्रिटिश उपनिवेशवादियों की नीतियों से करते हुए चावड़ा ने कहा कि बीजेपी प्रशासन प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए तैयार नहीं है और उन्हें आंदोलन करने की भी अनुमति नहीं दे रहा है. कांग्रेस विधायक ने कहा कि इसके बजाय सरकार कानून और नियम लागू कर रही है और स्वास्थ्य कर्मियों को नौकरी से निलंबित या बर्खास्त कर रही है.

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