Gujarat News: गुजरात के मोरबी जिले के एक युवा छात्र ने सामने आकर गंभीर चेतावनी जारी की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें एक झूठे ड्रग मामले में फंसाकर जबरन रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया था. यूक्रेन में गिरफ्तारी के बाद जारी एक वीडियो में उन्होंने भारत सरकार से मदद की अपील की है. उन्होंने रूस जाने वाले युवाओं को भी बेहद सावधान रहने का आग्रह किया है.
छात्र कौन है और पूरा मामला क्या है?
छात्र का नाम साहिल मोहम्मद हुसैन है, जो गुजरात के मोरबी का रहने वाला है. साहिल 2024 में छात्र वीजा पर पढ़ाई करने रूस गया था. पढ़ाई के दौरान वह एक कूरियर कंपनी में अंशकालिक काम भी करता था. उसका दावा है कि इसी दौरान रूसी पुलिस ने उसे एक झूठे ड्रग मामले में फंसा दिया.
ड्रग मामले से छूट के बदले सैन्य भर्ती के आरोप
साहिल का आरोप है कि रूसी पुलिस और जेल अधिकारियों ने उसे एक "सौदा" पेश किया. रूसी सेना में भर्ती होने पर उसे ड्रग्स मामले से रिहा कर दिया जाएगा. उसे यह प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया. उसका दावा है कि मात्र 15 दिनों के प्रशिक्षण के बाद उसे सीधे युद्ध मोर्चे पर भेज दिया गया.
मोर्चे पर पहुंचते ही आत्मसमर्पण कर दें
वीडियो में साहिल ने बताया कि यूक्रेन की अग्रिम पंक्ति पर पहुंचते ही उसने तुरंत यूक्रेनी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इसके बाद यूक्रेनी सेना ने उसका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया और भारत में इस मुद्दे को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए उसकी मां को भेज दिया.
भारत सरकार से भावपूर्ण अपील
यूक्रेन में कैद साहिल ने एक वीडियो संदेश में कहा, "मैं बहुत निराश हूं. मुझे नहीं पता आगे क्या होगा. लेकिन मैं रूस आने की इच्छा रखने वाले सभी युवाओं से अपील करता हूं कि वे बहुत सावधान रहें. यहां कई लोग उन्हें झूठे ड्रग मामलों में फंसा देते हैं." प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार से अपील करते हुए उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति पुतिन ने हाल ही में भारत का दौरा किया था. मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह पुतिन से बात करे और मेरी सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करे."
मां ने दिल्ली की अदालत में याचिका दायर की
साहिल की मां ने अपने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की है. मामले की अगली सुनवाई फरवरी में होनी है. परिवार का आरोप है कि साहिल को दबाव और जबरदस्ती सेना में भर्ती किया गया था.
700 लोगों को झूठे ड्रग आरोपों में जेल भेजा
एक अन्य वीडियो में साहिल ने दावा किया कि रूस में कम से कम 700 लोगों को झूठे ड्रग आरोपों में जेल भेजा गया और उन्हें सेना में भर्ती होने का विकल्प दिया गया. उन्होंने कहा, "मैंने कोई अपराध नहीं किया है. मैंने यह फैसला सिर्फ मामले से छुटकारा पाने के लिए लिया है."
भारतीय सरकार की प्रतिक्रिया
5 दिसंबर को विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने कहा कि भारतीय सरकार रूसी सेना में भर्ती हुए भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष यह मुद्दा उठाया है और भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई के लिए बातचीत जारी है.
भारतीय नागरिकों को कड़ी चेतावनी
विदेश सचिव ने भारतीय नागरिकों को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी थी कि वे किसी भी परिस्थिति में रूसी सेना में शामिल होने के प्रस्तावों से दूर रहें. उन्होंने कहा, "हमें ऐसे कई मामले देखने को मिल रहे हैं जहां लोग वहां फंसे हुए हैं और उन्हें भारत वापस लाने की अपील की जा रही है."