Gujarat News: गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार (4 फरवरी) को देवभूमि द्वारका जिले में दो कब्रिस्तानों, दो दरगाहों और एक मदरसा वाली जमीन को वक्फ का बताने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. यहां अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने के निर्देश देने वाले नोटिसों पर याचिका लगाई गई थी.

दरअसल, देवभूमि द्वारका स्थित बेयट में भूपेंद्र पटेल सरकार द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान को रोकने के लिए याचिका दायर की गई थी. इसके बाद मंगलार को गुजरात हाई कोर्ट की जस्टिस मौना भट्ट की अदालत ने खारिज कर दिया. कोर्ट के आदेश के बाद कब्जे वाली जमीन को कब्जा मुक्त करवाने की कार्रवाई शुरू की गई. इसके बाद अतिक्रमण की गई इमारतों पर बुलडोजर चलाया गया. 

 

 

गुजरात सरकार ने क्या कहा?वहीं इस पर गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने कहा, "द्वारका जिले के 7 द्वीप अब 100% अतिक्रमण मुक्त हो चुके हैं! सात द्वीपों से कुल 36 अवैध संरचनाओं को सफलतापूर्वक हटा दिया गया है. हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए उनके समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए प्रशासन और टीम को बधाई." मु्स्लिम पक्ष ने याचिका में दिया था ये तर्कयाचिकाकर्ता बेट भडेला मुस्लिम जमात ने तर्क दिया था कि संरचनाएं वक्फ संपत्ति थीं और धार्मिक प्रकृति की थीं और उनसे समुदाय की भावनाएं जुड़ी थीं. उन्होंने दावा किया कि विध्वंस के लिए जारी किए गए नोटिस कानून की उचित प्रक्रिया के बिना थे, प्रकृति में अस्पष्ट थे और विवरणों का अभाव था और तर्क दिया कि उन्हें गुजरात नगर पालिका अधिनियम की धारा 185 के प्रावधान के तहत जारी नहीं किया गया था.

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