Gujarat GSDP: भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में पांच वर्षों में अपनी सबसे कम सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में बढ़ोतरी दर्ज की और इस अवधि के दौरान अपनी रेवेन्यू आय में 10.28 प्रतिशत की कमी भी दर्ज की. गुरुवार को इस रिपोर्ट को गुजरात विधानसभा में पेश किया गया. राज्य की अर्थव्यवस्था ने पिछले वर्ष की तुलना में 2020-21 में 0.57 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की.


पांच सालों में अपनी सबसे कम विकास दर दर्ज की


आय में कमी गुजरात सहित देश भर में फैली महामारी के बाद लॉकडाउन के कारण हुई, जिससे आय 1,05,093 करोड़ रुपये के अनुमान के मुकाबले घटकर सिर्फ 70,266 करोड़ रुपये रह गई. रिपोर्ट में कहा गया है, राष्ट्रीय विकास दर की तुलना में 2016-17 से 2020-21 की अवधि के दौरान गुजरात की जीडीपी उच्च दर से बढ़ी. हालांकि, 2020-21 के दौरान, राज्य ने पांच सालों में अपनी सबसे कम विकास दर दर्ज की.


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पांच सालों में ये रही GSDP की वृद्धि दर

2016-17 में जीएसडीपी की वृद्धि दर 13.43 प्रतिशत, 2017-18 में 13.87 प्रतिशत, 2018-19 में 13.08 प्रतिशत और 2019-20 में 9.75 प्रतिशत थी. 
वित्त वर्ष 2020-21 में गुजरात की 0.57 प्रतिशत विकास दर के मुकाबले, इसी अवधि में देश की जीडीपी में -2.97 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई. जीएसडीपी एक निश्चित अवधि में किसी राज्य द्वारा उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य है.


सीएजी ने कहा कि जीएसडीपी की वृद्धि राज्य की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण संकेतक है, क्योंकि यह एक अवधि में आर्थिक विकास के स्तर में बदलाव की सीमा को दर्शाता है.


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