Gujrat News: गुजरात से चिंता बढ़ाने वाली एक खबर सामने आई है. चिंता की बात इसलिए कि अफसर किसी काम के लिए सहयोग की बात करने के बदले लोगों से ​किश्तों में रिश्वत की मांग करने लगे हैं. भ्रष्टाचार का यह नया तरीका साल 2024 की शुरुआत से ही ट्रेंड में है. गुजरात एसीबी ने ऐसे कई मामलों का पर्दाफाश किया है. चौंकाने वाली बात यह है कि गुजरात सरकार के भ्रष्ट अधिकारी अब लोगों को बैंक ऋण की तरह  ईएमआई (EMI) में रिश्वत देने का विकल्प दे रहे हैं.

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टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात में रिश्वत देने के लिए मजबूर व्यक्तियों पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए कथित रूप से 'भ्रष्टाचार के नए तरीके के रूप में सामने आया है. ऐसे मामले एक नहीं बल्कि कई मामले सामने आ चुके हैं. रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2024 में एसजीएसटी फर्जी बिलिंग घोटाले में फंसे एक व्यक्ति से 21 लाख रुपये की भारी रिश्वत मांगी गई. वित्तीय तनाव को कम करने के लिए राशि को 2 लाख रुपये की नौ ईएमआई में विभाजित किया गया था. साथ ही 1 लाख रुपये का एक भुगतान भी किया गया था.

अफसरों ने पंचायत सदस्यों को भी नहीं छोड़ा

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4 अप्रैल को सूरत में एक उप सरपंच और तालुका पंचायत सदस्य ने खेती से संबंधित एक एहसान के लिए 85 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई. किसान की आर्थिक मजबूरी को भांपते हुए आरोपी ने एक ईएमआई के तहत रिश्वत का पैसा देने का प्रस्ताव किसान के समझ रखा और 35 हजार रुपये का एकमुश्त भुगतान के बाद शेष राशि के लिए तीन बराबर किश्तें तय की.

पुलिस वाला चार लाख लेने के बाद से फरार 

इसी तरह एक पुलिस वाला साबरकांठा के एक निवासी से 4 लाख रुपए की रिश्वत लेकर फरार हो गया. यह रकम मांगे गए कुल 10 लाख रुपए की शुरुआती किश्त थी.

2024 में अभी तक सामने आए 10 केस 

गुजरात एसीबी की रिपोर्ट के अनुसार इस तरह की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. साल 2024 में ऐसे दस मामले दर्ज किए जा चुके हैं. एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक भ्रष्ट अधिकारी कानूनी जांच का सामना कर रहे या सरकारी सहायता की मांग कर रहे व्यक्तियों का शोषण करते है. ऐसे लोगों से अफसर सीधे रिश्वत मांगते हैं.

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