गुजरात के बोटाद जिले में 17 साल के नाबालिग को चोरी के संदेह में अवैध हिरासत में लेकर थाने के अंदर पीटे जाने का मामला सामने आया है. इस घटना के बाद 4 पुलिसकर्मियों और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस घटना की गंभीरता को देखते हुए बोटाद पुलिस अधीक्षक ने जांच के आदेश दिए हैं.

प्राथमिकी के अनुसार 19 अगस्त को नाबालिग को चोरी के आरोप में हिरासत में लिया गया था. गिरफ्तारी के बाद पुलिस थाने के भीतर उसकी बेरहमी से पिटाई की गई. गंभीर चोट लगने के बाद पहले उसे बोटाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर अहमदाबाद स्थानांतरित किया गया था. अधिकारी ने बताया कि आरोपियों में सहायक उपनिरीक्षक अजय राठौड़ और कांस्टेबल कौशिक जानी, योगेश सोलंकी और कुलदीप सिंह वाघेला शामिल हैं.

कानूनी कार्रवाई व धाराएं

पुलिस उपाधीक्षक महर्षि रावल ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 120 (1) स्वेच्छा से चोट पहुंचाने, 127 (8) गलत तरीके से बंधक बनाने और किशोर न्याय अधिनियम के तहत अवैध हिरासत का मामला दर्ज किया गया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, बोटाद शहर पुलिस थाने के इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है. पीड़ित के बयान भी लिए गए हैं, जिस आधार पर आगे की कार्रवाई जारी है. 

शिकायतकर्ता की ओर से क्या आरोप लगे?

बता दें कि शिकायत नाबालिग के दादा ने दर्ज कराई है, जिनका आरोप है कि पहले तो उस नाबालिग के साथ बेरहमी से मार पीट की गई और जब थाने में इसका विरोध किया तब पुलिस ने उनके घर की तलाशी ली और इस दौरान 50,000 रुपये भी ले लिये. 

फिलहाल नाबालिग का अहमदाबाद के अस्पताल में इलाज जारी है और जिला प्रशासन ने मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित की है. यह घटना राज्य में पुलिस आचरण और नाबालिगों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है.