Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा में बीजेपी के एक तिहाई विधायकों को आगामी चुनाव लड़ने के लिए नहीं चुना जा सकता है, क्योंकि पार्टी की योजना नए चेहरों को उतारने की है. ज्यादातर उन विधायकों पर नजर रहेगी जो पिछले तीन या अधिक कार्यकाल से जीत रहे हैं. द हिंदू में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार तीन या इससे अधिक बार विधायक चुने जाने वाले निर्वाचन क्षेत्रों में होनहारों को मौका देने के लिए एक नई रणनीति पर काम किया गया है. बीजेपी के एक नेता ने कहा, “हमारे 99 विधायकों में से कम से कम 30 फीसदी को नए चेहरों के साथ बदल दिया जाएगा जिन्होंने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी के उत्थान के लिए कड़ी मेहनत की है. एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर को दूर करने के लिए भी उपाय किए गए हैं.


गुजरात में बीजेपी की क्या है रणनीति?
हालांकि, उन्होंने कहा कि भले ही चार या पांच लोग बागी हो जाएं, लेकिन इससे पार्टी की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा, "पिछले अनुभव से पता चलता है कि जिन लोगों को पार्टी ने खारिज कर दिया था, उन्हें प्रतिद्वंद्वी दलों से संतुष्ट होने के बाद भी चुनावी क्षेत्र में कोई फायदा नहीं हुआ." प्रस्तावित रणनीति से पार्टी को फायदा होगा. नेताओं ने स्पष्ट किया कि 30 फीसदी विधायकों की छंटनी में कैबिनेट मंत्री शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह क्षेत्र है, इसलिए उम्मीदवार के चयन की निगरानी खुद करेंगे.


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क्या बोले बीजेपी नेता?
मतदाताओं के साथ अपने अनुभव को साझा करते हुए नेता ने कहा कि अगर लोग खुले तौर पर सवाल करते हैं और नेताओं से विकास और अन्य मुद्दों के बारे में मुखर रूप से सामना करते हैं, तो “हमें विश्वास है कि हम ऐसी स्थिति में जीतेंगे. लेकिन, अगर लोग चुप हैं और खुले तौर पर कोई प्रगति नहीं करते हैं, तो हमें बहुत सावधान रहना होगा क्योंकि लोगों के मूड का अंदाजा लगाना मुश्किल होगा.” बीजेपी नेताओं ने आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को लेकर कहा कि, 'हम आप को अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी नहीं मानते.


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