Bhuj News: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार और कानून व्यवस्था को तोड़ने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी (PM Modi) को अदालतें बंद कर देनी चाहिए क्योंकि मुख्यमंत्री किसी व्यक्ति के अपराध और बेगुनाही पर फैसला कर रहे हैं.


भुज में आयोजित रैली में क्या बोले ओवैसी?


रविवार को भुज (Bhuj) में एक रैली में बोलते हुए ओवैसी ने कहा, मैं पुलिस और जनता के द्वारा किए गए हिंसा के खिलाफ हूं. जब कोई पीएम मोदी (PM Modi) के बारे में कुछ कहता है, जब कोई सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के बारे में कुछ कहता है, जब कोई ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) के बारे में कुछ कहता है तो उसे जेलों में डाल दिया जाता है, लेकिन नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) ने पैगम्बर मोहम्मद (Prophet Muhammad) के बारे में बुरा कहा तो बीजेपी (BJP) ने उन्हें घर पर सुरक्षित रखा है.


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ओवैसी बोले- 'अदालतें बंद कर देनी चाहिए'


आगे उन्होंने कहा कि, “झारखंड में दो मुस्लिम बच्चों को गोली मार दी गई. अगर पीएम ने कार्रवाई की होती तो ऐसा नहीं होता. मैं हिंसा की निंदा करता हूं और विरोध संविधान के दायरे में होना चाहिए… प्रयागराज में, लोगों ने विरोध किया, इसलिए उन्होंने (बीजेपी सरकार) आफरीन फातिमा के घर को ध्वस्त कर दिया. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि वह और उनके पिता (विरोध के लिए) जिम्मेदार हैं. फिर अदालतें क्यों हैं? ओवैसी ने कहा, अगर आप (सीएम) फैसला करते हैं तो अदालतें, न्यायाधीश, पुलिस किस लिए हैं.


ओवैसी ने बीजेपी पर लगाए ये आरोप


एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, "वे कहते हैं कि घर अवैध था. तो क्या यूपी की बीजेपी सरकार पिछले छह साल से सो रही थी? जब एक बीजेपी मंत्री का बेटा छह लोगों की जान लेता है, तो सुप्रीम कोर्ट उसकी जमानत रद्द कर देता है और बीजेपी उसका घर नहीं गिराती... भेदभाव करने वाला कौन है? यह किस तरह का न्याय है.”


देश को संविधान के अनुसार चलाने का किया अनुरोध


लोगों से आवाज उठाने का आह्वान करते हुए ओवैसी ने कहा, 'मैं पीएम मोदी से अपील करता हूं कि आप जिस बुलडोजर का इस्तेमाल एक खास समुदाय के खिलाफ कर रहे हैं, वह संविधान को कमजोर कर रहा है. देश को चलाना है तो संविधान के दायरे में चलाना होगा नहीं तो अदालतें बंद कर दीजिये. अदालतों में ताला लगा दीजिये, जजों को मत आने के लिए कहिये, क्योंकि सीएम तय करेंगे कि कौन दोषी है.


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