Banaskantha: एक महिला ने मृत गाय पर बीमा के रूप में 40,000 रुपये का दावा किया था. इस क्लेम को एक जिला उपभोक्ता आयोग ने जांच के बाद खारिज कर दिया. उन्होंने बताया कि मृत जानवर वह गाय नहीं थी जिसका बीमा किया गया था. मालिक ने गाय के सिर को बीमा किये गए गाय जैसी दिखाने के लिए काले रंग से रंग दिया था. जांच में यह भी पता चला कि बीमा की गई गाय के सींग का आकार मरे हुए जानवर के सींग से अलग था.


रतनबेन भूताड़िया ने किया था क्लेम
ये बीमा क्लेम बनासकांठा के गांव मेमादपुरा की रतनबेन भूताड़िया ने किया है. उसने अपनी गाय का बीमा कराया था और बीमा कंपनी नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने जानवरों के कान का टैग रिकॉर्ड किया था. भूताड़िया की गाय की मृत्यु 20 दिसंबर, 2017 को हुई थी. हालांकि ईयर टैग नंबर बीमा कंपनी के रिकॉर्ड से मेल खाता था, लेकिन एक पशु चिकित्सक द्वारा किए गए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि मृत गाय का विवरण बीमा किये गए जानवर से मेल नहीं खाता है.


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बीमा क्लेम को किया गया रिजेक्ट
बीमा कंपनी के मुताबिक बीमित गाय के सिर पर सफेद धब्बे नहीं थे. इसके अलावा, बीमित गाय के सींग घुमावदार थे जबकि मृत जानवर के सींग नुकीले थे. इसलिए बीमा कंपनी ने भूताड़िया के दावे को खारिज कर दिया. भूटाड़िया ने बनासकांठा जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में बीमाकर्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.


जांच में सामने आई ये बात
डॉक्टर और इन्वेस्टिगेटर दोनों की रिपोर्ट से पता चला कि गाय के सिर को काले रंग से रंगा गया था, हालांकि कुछ सफेद धब्बे अभी भी बने हुए हैं. रिपोर्ट में दो जानवरों के सींगों में अंतर भी बताया गया है. बीमाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि कान का टैग बीमा की गई गाय से हटा दिया गया है और मृत जानवर के कान पर लगा दिया गया है. शिकायतकर्ता ने यह कहते हुए अपने मामले का बचाव करने की कोशिश की कि पोस्टमॉर्टम रात में किया गया था, जिससे जानवर के विवरण में भिन्नता हो सकती थी. हालांकि, आयोग ने बीमाकर्ता के तर्क को स्वीकार कर लिया और शिकायत को खारिज कर दिया.


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