Gujarat Police: गुजरात के बनासकांठा जिले के अंबाजी मंदिर में प्रसाद तैयार करने के लिए नकली घी की आपूर्ति करने के आरोप में एक निजी कैटरिंग कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी. पुलिस के मुताबिक, कंपनी ने ‘अमूल’ का लेबल लगे नकली घी की आपूर्ति की थी. अधिकारियों ने कहा कि गुजरात खाद्य एवं औषधि नियंत्रण प्रशासन (जीएफडीसीए) ने अंबाजी मंदिर में आरोपी कंपनी की ओर से आपूर्ति किए गए घी के नमूने एकत्र किए थे, जो प्रयोगशाला परीक्षण के दौरान आवश्यक गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में विफल रहे.


आपूर्ति किए गए घी के 180 टिन को सील
पुलिस ने कहा कि मोहिनी कैटरर्स द्वारा आपूर्ति किए गए घी के 180 टिन को सील कर दिया गया और साबरकांठा जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ लिमिटेड (साबर) द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर कंपनी के खिलाफ अंबाजी थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई. यह मामला भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 482 (गलत संपत्ति चिह्न) और 120 (बी) (आपराधिक साजिश) के तहत दर्ज किया गया है.


साबर डेयरी गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) का एक सदस्य है जो 'अमूल' ब्रांड के तहत दूध और डेयरी उत्पादों का विपणन करता है. जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने कहा कि महासंघ से संबद्ध कोई भी डेयरी संघ इस तरह की अवैध गतिविधियों में लिप्त नहीं है.


ABP अश्मिता के अनुसार, नकली घी इस्तेमाल करने के मामले में अहमदाबाद के माधापुरा स्थित नीलकंठ ट्रेडर्स को सील कर दिया गया है. प्रसाद की मांग को पूरा करने के लिए मोहिनी कैटरस ने मधुपुरा स्थित नीलकंठ ट्रेडर्स से घी का ऑर्डर दिया. जिसके बाद देर रात खाद्य और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारकर नीलकंठ ट्रेडर्स को सील कर दिया.


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