Gujarat Unemployment: देश में बेरोजगारी एक अहम मुद्दा है जो लगातार बढ़ता ही जा रहा है. देश के ग्रामीण इलाकों में रोजगार की सबसे बड़ी केंद्रीय योजना मनरेगा में मांगने पर भी 1.89 करोड़ लोगों को काम नही मिल पाया है. गुजरात में यह आंकड़ा सबसे ऊपर है. इसके बाद बिहार, मध्य प्रदेश समेत देश के बड़े राज्य शामिल हैं.


गुजरात में मनरेगा के तहत 8.84 लाख लोगों को नहीं मिला रोजगार


केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मांगने के बावजूद काम नहीं पाने वालों का सबसे ऊंचा औसत गुजरात, बिहार और मध्यप्रदेश में है. गुजरात में मनरेगा के तहत 25.45 लाख लोगों द्वारा काम माँगा गया जिनमें से सिर्फ 8.84 लाख लोगों को रोजगार नहीं मिल पाया है, जिसके मुताबिक 34.57 % लोगों को रोजगार नहीं मिला है और अन्य राज्य की तुलना में गुजरात सबसे ऊपर है. इसके बाद बिहार दूसरे स्थान पर है जहां 52.35 लाख लोगों द्वारा रोज़गार मांगा गया और 13.41 लाख लोगों को रोज़गार नहीं मिला . वहीं इसी के साथ मध्य प्रदेश में 1.14 करोड़ लोगो द्वारा रोज़गार की मांग की गयी और 25.78 लाख लोगों को रोज़गार नहीं प्राप्त हुआ.


11.6 करोड़ लोगों में से 9.7 करोड़ को काम मिला


वित्त वर्ष 2021-22 में देशभर में कुल 11.6 करोड़ लोगों ने मनरेगा में रजिस्ट्रेशन कराया था. इनमें से 9.7 करोड़ को काम मिला, जबकि 16.3% को नहीं मिला. काम नहीं पाने वालों का यह औसत पिछले चार वर्षों में सर्वाधिक है. यह स्थिति तब है, जब केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत 98 हजार करोड़ रु. आवंटित किए थे. अब वित्त वर्ष 2022-23 के लिए यह राशि घटाकर 73 हजार करोड़ रु. कर दी गई है. मौजूदा हालात में गांवों में बेरोजगारी की यह स्थिति बेहद गंभीर है.


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