दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार चेतावनी स्तर 204.5 मीटर के उपर बना हुआ है. पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश और हथिनी कुंड एवं वजीराबाद बैराज से छोड़े जा रहे पानी से यमुना का प्रवाह तेज बना हुआ है. जिससे निरंतर राजधानी में बाढ़ की आशंका बनी हुई है जो कभी भी गहरा सकती है. इसे देखते हुए प्रशासन ने सभी संबंधित एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा है और बचाव संबंधित एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दे रखे हैं.

यमुना का पानी आज सुबह 7 बजे 205.02 मीटर पर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से कुछ ही कम है. पुराने लोहे के पुल के पास पानी का बहाव सामान्य से काफी ऊपर है, जो कई निचले इलाकों के लिए खतरे की घंटी है. जलस्तर में लगातार बनी हुई यह वृद्धि दिल्ली में बाढ़ के खतरे को बढ़ा रही है. इसे देखते हुए बाढ़ नियंत्रण विभाग ने भी सतर्कता बढ़ा दी है.

हथिनी कुंड और वजीराबाद बैराज से भारी मात्रा में छोड़ा जा रहा पानी

अधिकारियों का कहना है कि, यमुना में पानी बढ़ने की सबसे बड़ी वजह हथिनी कुंड एवं वजीराबाद बैराज से लगातार पानी का छोड़ा जाना है. पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण बैराज से हर घंटे हजारों क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा जा रहा है. बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, सुबह 7 बजे हथिनी कुंड बैराज से लगभग 272645 क्यूसेक पानी, वजीराबाद बैराज से 40040 क्यूसेक पानी और ओखला बैराज से 52081 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिससे दिल्ली का जलस्तर प्रभावित हो रहा है.

48 से 50 घंटो में दिल्ली पहुंचता है बैराज का पानी

बता दें कि, बैराज से छोड़ा गया पानी 48 से 50 घंटो में दिल्ली पहुंचता है. यमुना का चेतावनी का स्तर 204.50 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है. जलस्तर के 206 मीटर पहुंचते ही प्रशासन निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित करना शुरू कर देता है.

प्रशासन अलर्ट, जनता से अपील हो जाएं सावधान

बढ़ते जलस्तर के बीच अलर्ट प्रशासन ने बचाव दल एवं अन्य संबंधित एजेंसियां को स्टैंड-बाय मोड़ पर रखा है ताकि आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके. वहीं, दिल्लीवासियों से अपील की जा रही है कि वे यमुना किनारे न जाएं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें. ग़ौरतलब है कि, पिछले साल यमुना के जलस्तर ने 208.66 मीटर का रिकॉर्ड तोड़ा था, जिससे राजधानी के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे.