दिल्ली में पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी का जलस्तर दोपहर एक बजे 204.65 मीटर पर पहुंच गया, जो चेतावनी स्तर यानी 204.50 मीटर से ऊपर है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. यह पुल नदी के जलस्तर और संभावित बाढ़ के खतरों पर नज़र रखने के लिए एक महत्वपूर्ण निरीक्षण स्थल है. अधिकारियों ने बताया कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और जलस्तर में वृद्धि जारी रहने के पूर्वानुमान के तहत सभी संबंधित एजेंसियों को संभावित बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं.
वजीराबाद-हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा जा रहा भारी पानी
केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘जलस्तर में वृद्धि का मुख्य कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे भारी मात्रा में पानी छोड़ा जाना है.’’ बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे लगभग 47,024 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि वजीराबाद बैराज से हर घंटे 35,130 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. 14 अगस्त की सुबह नौ बजे पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर 204.43 मीटर था. ऊपरी नदी से कम मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण भी जलस्तर बढ़ रहा है.
कितने लेवल पर खाली कराए जाते हैं इलाके?
दिल्ली में पानी के 204.50 मीटर स्तर पर पहुंच जाना चेतावनी के रूप में चिन्हित किया जाता है और खतरे का निशान 205.33 मीटर हैं, जबकि 206 मीटर जलस्तर दर्ज किए जाने पर इलाके को एहतियातन खाली कराया जाता है. हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगता है.
भारी बारिश के चलते भी बढ़ा था वाटर लेवल
बीते दिनों में भारी बारिश के बाद भी यमुना नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई. इसके पीछे पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश भी एक बड़ी वजह मानी जाती है. जरूरत पड़ने पर प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिए जाएंगे.