Delhi News: दिल्ली पुलिस के विजिलेंस विंग में बतौर एसीपी कार्यरत वीरेंद्र पुंज, उन गिने चुने पु​लिसकर्मियों में शुमार हैं, जो पेशागत जिम्मेदारियों के अलावा सामाजिक सरोकारों से जुड़े युवाओं के बेहतर भविष्य की भी पैरोकारी करते हैं. ​करीब छह सालों से लीग स्टडीज को स्कूलों में पढ़ाने को लेकर 'कानून का कायदा, शिक्षा का फायदा और सुरक्षा का वादा' नाम से जारी उनकी मुहिम की अहमियत को देखते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के सरकारी स्कूलों इसे 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाने का फैसला लिया था, जिसे दिल्ली के 40 स्कूलों में लागू वर्तमान शिक्षा सत्र से लागू कर दिया गया है. अब दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने भी उन्हें प्रशंसा पत्र जारी कर सम्मनित किया है. 


दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने अपने पत्र में लिखा है कि एसीपी वीरेंद्र पुंज वर्दी की जिम्मेदारी से अलग स्कूली बच्चों को लीगल स्टडीज विषय पढ़ाने को लेकर प्रयासरत थे. अंतत: उन्हें अपने मकसद में सफलता मिली. यह दिल्ली पुलिस के खुशी की बात है. 


लोगों में पुलिस की छवि बनेगी बेहतर


दिल्ली शिक्षा विभाग ने शिक्षा सत्र 2024-25 से लीगल स्टडीज विषय को 11वीं कक्षा में पढ़ाने का फैसला लिया है. एसीपी का यह काम प्रशंसनीय है और इससे दिल्ली पुलिस की लोगों के बीच सकारात्मक छवि बनेगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस में ऐसे अफसर बहुत कम हैं जो अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को भी जीवन में प्राथमिकता देते हैं. 
 
कौन हैं एसीपी वीरेंद्र पुंज


दरअसल, वीरेंद्र पुंज बतौर एसआई 1989 में दिल्ली पुलिस में नियुक्त हुए थे. वर्तमान में वह दिल्ली पुलिस विजिलेंस विंग में बतौर एसीपी के रूप में कार्यरत हैं. वर्दीवालों के लिए कानूनी जानकारी की अहमियत को देखते हुए उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय लॉ सेंटर से कानून की ​डिग्री भी 1991 में हासिल की थी.



सीबीएसई के पाठ्यक्रम में शामिल लीगल स्टडीज


वीरेंद्र पुंज कहते हैं,  'देश के युवाओं के लिए लीगल स्टडीज की अहमियत को देखते हुए साल 2013 में देशभर के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों से कहा था कि इसे बतौर वैकल्पिक विषय 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाएं. आश्चर्य की बात है कि देशभर में सरकारी स्कूलों में लीगल स्टडीज की पढ़ाई की कोई व्यवस्था अभी तक नहीं की है. अगर हमारे युवा कानून की समझ रखने वाले हो जाएं तो यह अपराधियों के लिए चेक प्वाइंट की तरह काम करेगा. '


अपराधियों के लिए चेक प्वाइंट


दिल्ली सरकार द्वारा एक ही जिले के 38 स्कूलों में लीगल स्टडीज विषय लागू करने से खुश तो हैं, लेकिन उनका कहना है कि केवल इन्हीं स्कूलों में क्यों, इसे दिल्ली के सभी 1145 स्कूलों में लागू करने की जरूरत है. शेष स्कूलों के छात्रों को भी लीगल स्टडीज पढ़ाना जरूरी है. इतना ही नहीं, इसे देश के सभी स्कूलों में लागू करने की आवश्यकता हैं. बता दें कि कानून का कायदा नाम से मुहिम एसीपी करीब छह साल से चला रहे हैं. 


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