Delhi News: राजधानी दिल्ली में वर्षों से पानी की कमी की दिक्कत बनी हुई है, जो गर्मियों के मौसम में और भी विकराल रूप ले लेती है. कई बार ये पानी की समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि लोग इसके लिए हाथापाई तक कर लेते हैं. लेकिन दिल्ली वालों को जल्दी ही पानी की किल्लत से छुटकारा मिलने वाला है. दिल्ली सरकार इसे लेकर एक वृहत योजना पर काम कर रही है, जिससे अगले दो वर्षों के दिल्ली के हर घर तक पानी की निर्बाध आपूर्ति हो सकेगी. क्या है वह योजना है ? और अभी कैसे हो रही है पानी की आपूर्ति जानिए इस खबर में.


हर दिन 1300 MGD पानी की जरूरत


सबसे पहले तो आपको बता दें कि दिल्ली के दो करोड़ लोगों को पीने और राजमर्रा के कामों के लिए हर दिन 1300 एमजीडी पानी की आवश्यकता है. लेकिन दिल्ली जल बोर्ड अभी 1000 एमजीडी पानी की ही आपूर्ति कर पा रहा है. जिससे कई इलाकों में पानी की भारी किल्लत उत्पन्न हो जाती है. इससे पहले 2015 तक प्रतिदिन यह महज 850 एमजीडी थी, जिसे बढ़ा कर 1000 एमजीडी तक लाया गया है और अगले दो-तीन वर्षों में इसे 1300 एमजीडी तक करने को योजना है. जिसके लिए दिल्ली सरकार और जल बोर्ड गंभीरता से काम कर रही है.


ऊंचे जल स्तर वाले इलाकों में लगेंगे ट्यूबवेल


दिल्ली के लोगों को निर्बाध पानी की आपूर्ति हो सके इसके लिए दिल्ली सरकार ऊंचे जल स्तर वाले क्षेत्रों में ट्यूबवेल लगाएगी. इसके अलावा शोधित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के पानी से झीलों का कायाकल्प कर भूजल स्तर को बढ़ाने का काम भी किया जा रहा है. झीलों के पानी को लोगों के घरों में तक पहुंचाने से पहले रिवर्स ऑस्मोसिस मशीनों द्वारा फिर से फिल्टर किया जाएगा. जबकि सीवेज ट्रीटमेंट के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली के सभी एसटीपी का रिडेवलपमेंट किया जा रहा है. इसके साथ ही सरकार बागवानी और निर्माण स्थलों पर ट्रीटेड अपशिष्ट जल के उपयोग को बढ़ावा देगी. सरकार इस योजना के तहत अगले दो-तीन सालों में दिल्ली के लोगों को निर्बाध पानी की आपूर्ति का लक्ष्य ले कर चल रही है.


अभी ऐसे मिल रहा है दिल्ली को पानी


बात करें वर्तमान समय मे दिल्ली वासियों की पानी की जरूरतों की पूर्ति की तो इस वक़्त राजधानी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट 514 एमजीडी अपशिष्ट जल को शोधित करते हैं. इसमें से 267 एमजीडी को यमुना नदी में डाउनस्ट्रीम उपयोग के लिए बहाया जाता है. इसमें 90 एमजीडी का उपयोग बागवानी में होता है. इसके अलावा दिल्ली को हरियाणा की दो नहरों और यमुना के माध्यम से 675 एमजीडी पानी मिलता है. वहीं, उत्तर प्रदेश की अपर गंगा कैनल से 253 एमजीडी पानी मिलता है. जबकि बाकी पानी ट्यूबवेल और रेन वाटर हार्वेस्टिंग से मिलता है.