देश की राजधानी में साल 2026 के मई महीने में नई दिल्ली के प्रगति मैदान में अब तक का सबसे बड़ा और सबसे प्रतिष्ठित 'स्वदेशी मेला-2026' आयोजित करने का निर्णय लिया है. देश के व्यापार, स्टार्ट-अप, कारीगरी और ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों को एक ही मंच पर राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर उभारने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है. 

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कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने स्वदेशी जागरण मंच सहित कई प्रमुख संगठनों के साथ मिलकर यह योजना बनाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल, लोकल फॉर ग्लोबल और आत्मनिर्भर भारत मिशन को नई उड़ान देने वाला यह आयोजन इतिहास रचने की तैयारी में है.

भारत का सबसे बड़ा स्वदेशी व्यापारिक आयोजन

कैट की 25 नवंबर को दिल्ली में हुई राष्ट्रीय गवर्निंग काउंसिल की बैठक में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस प्रकार के बड़े मेला आयोजन का सुझाव दिया था. इसी प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए कैट ने इसे राष्ट्रीय स्तर का मेगा इवेंट बनाने का फैसला लिया. उद्देश्य स्पष्ट है- भारतीय व्यापार, उद्योग और कारीगरी की ताकत को घरेलू और वैश्विक मंच पर स्थापित करना.

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कैट के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि 'स्वदेशी मेला-2026' देशभर के कारीगरों, स्टार्ट-अप्स, छोटे निर्माताओं, महिला उद्यमियों और MSMEs के लिए अपने उत्पादों एवं नवाचारों को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का एक दुर्लभ अवसर होगा. यह आयोजन भारतीय उद्यमशीलता को नई दिशा देने और 'मेड इन इंडिया' की वैश्विक पहचान को मजबूत करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है.

पहली अहम बैठक में तैयार होगी रूपरेखा

इस भव्य आयोजन के सफल संचालन के लिए देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति डॉ. राम गोपाल गोयल की अध्यक्षता में 65 सदस्यों का राष्ट्रीय संचालन बोर्ड बनाया गया है. इसमें देश भर के अनुभवी व्यापार व उद्योग नेता शामिल किए गए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिला और युवा उद्यमियों को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है.

गुरुवार (4 दिसंबर) को दिल्ली में बोर्ड की पहली महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें मेले की थीम, प्रदर्शनी की संरचना, प्रचार रणनीति और भारतीय उत्पादों को अधिक से अधिक बढ़ावा देने की विस्तृत रूपरेखा तय की जाएगी.

देश के प्रमुख उद्योग क्षेत्रों और संगठनों का व्यापक प्रतिनिधित्व

'स्वदेशी मेला-2026' में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कैट ने व्यापारिक संगठनों, किसान समूहों, ट्रांसपोर्ट एवं लॉजिस्टिक्स, ट्रैवल एंड टूरिज्म, MSME और स्टार्ट-अप क्षेत्र के नेताओं को आमंत्रित किया है. इसके साथ ही लघु उद्योग भारती, MSME डेवलपमेंट फोरम, फेडरेशन ऑफ स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और कई प्रोफेशनल संगठन भी इसमें शामिल होंगे.

मेले को अत्यधिक प्रभावी बनाने के लिए देश के जाने-माने एक्सपो और प्रदर्शनी विशेषज्ञों की भी विशेष भागीदारी सुनिश्चित की गई है, ताकि यह आयोजन वास्तव में भारत के स्वदेशी व्यापार और उद्योग का दर्पण बन सके.

देशभर में बनेगी राज्य-स्तरीय स्टीयरिंग कमेटियां

प्रगति मैदान में मेगा स्केल पर होने वाले इस मेले की विस्तृत योजना 4 दिसंबर की बैठक में अंतिम रूप लेगी. विभिन्न क्षेत्रों- हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, टेक्नोलॉजी, ई-कॉमर्स, आयुर्वेद, फूड प्रोसेसिंग, कारीगरी और व्यापार के लिए अलग-अलग उपसमितियाँ बनाई जाएंगी.

देशभर से स्वदेशी उत्पादों के स्टॉल आमंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर का अभियान शुरू किया जाएगा. हर राज्य में एक स्टीयरिंग कमेटी बनाई जाएगी, जो इस मेगा इवेंट की जानकारी को हर गांव और शहर तक पहुंचाएगी.

सासंद प्रवीण खंडेलवाल ने क्या कहा?

प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि 'स्वदेशी मेला-2026' केवल एक व्यापारिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की स्वदेशी ताकत को विश्व के सामने नए स्वरूप में पेश करने वाला एक ऐतिहासिक अवसर है. जो भी व्यापारी, स्टार्ट-अप, निर्माता या उद्योगपति इस आयोजन का हिस्सा बनेंगे, वे न केवल अपने व्यापार का विस्तार करेंगे, बल्कि वैश्विक बाजारों में नई संभावनाओं के द्वार भी खोल सकेंगे.