AIIMS Gynecologist: महिलाओं को मीनोपाज के बाद होने वाली बीमारियों की स्क्रीनिंग और उनके इलाज के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में विशेष क्लीनिक शुरू किया गया है. अस्पताल के गायनेकोलॉजी विभाग ने हाल ही में यह सुविधा शुरू की है. यह विशेष क्लीनिक हर शुक्रवार को चलेगा.


एम्स प्रशासन को लिखा गया था पत्र
गायनेकोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डा. नीरजा भाटला ने विशेष क्लीनिक शुरू करने के लिए एम्स प्रशासन को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया है कि गायनी विभाग के रूटीन ओपीडी में कैंसर, इनफर्टिलिटी और प्रजनन आयु वर्ग की महिलाओं के विभिन्न बीमारियों का इलाज होता है. कई बीमारियों के इलाज के विशेष क्लीनिक भी चल रहे है, लेकिन मीनोपाज के बाद होने वाली बीमारियों के इलाज में विशेष ध्यान नहीं दिया जाता. इसलिए रूटीन ओपीडी में हर शुक्रवार को मीनोपाज क्लीनिक चलेगा. 


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ये होते हैं मीनोपाज के लक्षण
बता दें कि मीनोपाज के बाद महिलाओं में हाइपरटेंशन, मधुमेह, दिल और हड्डियों की बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है. महिलाओं में ये बीमारियां लगातार बढ़ भी रहीं हैं, इसलिए इस विशेष क्लीनिक में गायनी से संबंधित बीमारियों के अलावा मीनोपाज के बाद की बीमारियों की भी स्क्रीनिंग की जाएगी, ताकि बीमारियों की जल्द पहचान कर उसका इलाज हो सके. इस क्लीनिक में जरूरतमंद महिला मरीजों को काउंसलिंग की सुविधा भी दी जाएगी.


दिल्ली की एक चौथाई महिलाओं में हाइपरटेंशन 
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे पांच की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 13.5 प्रतिशत महिलाओं को मधुमेह और 21.3 प्रतिशत महिलाओं को हाइपरटेंशन की बीमारी है. वहीं दिल्ली की एक चौथाई महिलाओं को हाइपरटेंशन की दिक्कत है. महिलाओं को मीनोपाज के बाद ये बीमारियां ज्यादा होती हैं. इसलिए विशेष क्लीनिक शुरू होने से एम्स में इलाज के लिए पहुंचने वाली महिलाओं को काफी फायदा होगा.


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