Somnath Bharti Moves Delhi HC: आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती ने बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज के निर्वाचन को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है. आप नेता ने लोकसभा चुनाव 2024 में कथित भ्रष्ट आचरण के आधार पर बांसुरी स्वराज के चुनाव को चैलेंज करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

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पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा 22 जुलाई को चुनाव याचिका पर सुनवाई करेंगे. हाल में हुए लोकसभा चुनाव 2024 में नई दिल्ली सीट से आप के प्रत्याशी सोमनाथ भारती को हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी की प्रत्याशी बांसुरी स्वराज को इस सीट से जीत हासिल हुई थी.

दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन अधिकारी के अनुसार भारती को 3,74,815 वोट मिले जबकि स्वराज को 4,53,185 वोट मिले. वे दोनों नयी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े थे और स्वराज को विजेता घोषित किया गया था. 

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याचिका में कहा गया, ‘‘मौजूदा चुनाव याचिका याचिकाकर्ता (भारती) द्वारा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 80 और 81 के तहत दायर की जा रही है, जिसमें प्रतिवादी संख्या-1 (स्वराज) के नयी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचन को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि प्रतिवादी संख्या-1, उनके चुनाव एजेंट और प्रतिवादी की सहमति से अन्य व्यक्तियों ने 25 मई, 2024 को हुए लोकसभा चुनाव के दौरान ‘भ्रष्ट आचरण’ किया है.''

सोमनाथ भारती ने याचिका में आरोप लगाया गया है कि आम आदमी पार्टी के पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद, जो इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार थे, वास्तव में उन्हें याचिकाकर्ता के खिलाफ स्वराज की मदद करने के लिए बीजेपी द्वारा खड़ा किया गया था. इसमें कहा गया है कि आनंद दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार में मंत्री थे और नौ अप्रैल तक भारती के लिए प्रचार में सक्रिय थे और अचानक उन्होंने 10 अप्रैल को पार्टी से इस्तीफा दे दिया.

इसमें ये भी आरोप लगाया गया है कि आनंद ने वोटों में कटौती करके स्वराज की मदद करने के लिए बीएसपी की टिकट पर चुनाव लड़ा और बाद में 10 जुलाई को वह बीजेपी में शामिल हो गए. चुनाव के दिन यानी पांच मई, 2024 को याचिकाकर्ता, विभिन्न बूथों के अपने दौरे के दौरान यह देखकर हैरान रह गया कि प्रतिवादी नंबर-1 के बूथ एजेंटों के पास उनकी (स्वराज) मतपत्र संख्या, फोटो, चुनाव चिह्न और पीएम मोदी की तस्वीर वाले पर्चे थे और वे इसे मतदाताओं को दिखा रहे थे जोकि निश्चित तौर पर भ्रष्ट आचरण है.

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