Delhi Snooping Case Updates: दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ अब जासूसी मामले में भ्रष्टाचार का मुकदमा चलेगा. इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो करेगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस फैसले के बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सीएम अरविंद केजरीवाल कैबिनेट में मंत्री सत्येंद्र जैन के बाद ऐसे दूसरे कद्दावर मंत्री हैं, जो बुरी तरह से फंसते दिखाई दे रहे हैं. फिलहाल, यूनियन होम मिनिस्ट्री ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. उसके बाद से एफबीयू और मनीष सिसोदिया को लेकर चर्चा सोशल मीडिया में चरम पर है. लोग यह जानना चाह रहे हैं कि आखिर ये मामला है क्या और इससे दिल्ली के डिप्टी सीएम का क्या लेना देना है.


Delhi Snooping Case: 10 प्वाइंट्स में जाने जासूसी प्रकरण के बारे में सबकुछ 


1. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आठ फरवरी 2023 को दिल्ली जासूसी प्रकरण मामले में बड़ा खुलासा किया था.


2. सीबीआई ने दावा किया था कि दिल्ली सरकार ने साल 2015 में एक फीड बैक यूनिट यानी एफबीयू गठित की थी.
3.  फीडबैक यूनिक का मकसद दिल्ली सरकार के लिए सतर्कता संबंधी काम को अंजाम देना था.
4. सीबीआई का आरोप है कि एफबीयू यूनिट ने अपने मकसद से अलग हटकर काम किया. इसके जरिए दिल्ली सरकार ने विरोधियों की जासूसी कराई. 
5. बताया गया है कि इस काम को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की देखरेख में एफबीयू ने अंजाम दिया.
6. दिल्ली सरकार से संबंधित भ्रष्टाचार की जांच के दौरान सीबीआई को इस बात की जानकारी और सबूत मिले कि दिल्ली सरकार ने एफबीयू यूनिट के जरिए अपने विरोधियों और प्रभावी लोगों की जासूसी कराई. 
7. इस मामले में सीबीआई ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने के लिए मंजूरी एलजी, गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय से मांगी थी. सीबीआई की ओर से दिल्ली के उपराज्यपाल, एमएचए और वित्त मंत्रालय को इस बाबत पत्र भी लिखा गया था. 
8. एलजी विनय सक्सेना ने इस मामले को केंद्र के पास भेज दिया था. अब उसी मामले को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जासूसी प्रकरण की सीबीआई से जांच की मंजूरी दी है.


9. सीबीआई ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के सियासी हस्तियों सहित कुछ प्रभावी लोगों की जासूसी कराई थी. 


10. जासूसी मामला सामने आने के बाद दिल्ली भारतीय जनता पार्टी सहित अन्य दलों ने भी इस मामले की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की थी. अब इसी मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ताजा फैसला लेकर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सामने मुसीबत खड़ी कर दी है.