Kisan Mahapanchayat in Ramleela Maidan Today: केंद्र सरकार की कृषि नीतियों से नाराज देशभर के किसान एक बार फिर सोमवार को दिल्ली में लामबंद होने लगे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने नये सिरे से किसान आंदोलन शुरू करने के मकसद से 20 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसानों की महापंचायत बुलाई है. दिल्ली पुलिस ने महापंचायत की इजाजत दे दी है.साथ ही महापंचासत के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर जवानों को तैनात कर दिया है. इसके अलावा, स्थानीय लोगों की आवाजाही को ध्यान में रखते हुए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने रूट डायवर्ट प्लान जारी किया है. ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से नई एडवाइजरी के मुताबिक ही घर से बाहर निकलने के लिए प्लान तैयार करने की अपील की है. 


रामलीला मैदान में महापंचायत को देखते हुए दिल्ली पुलिस न सोमवार को करीब दो हजार सुरक्षाकर्मियों की मौके पर तैनाती की है. दिल्ली वालों को आवागमन में परेशानी न हो, इसके लिए दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है. साथ ही लोगों से हघर से निकलने से पहले इस ट्रैफिक एडवाइजरी को जरूर देख लें. दिल्ली पुलिए के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमने किसान महापंचायत के लिए विस्तृत सुरक्षा व्यवस्था की है. 


 






आज रामलीला मैदान में जुटेंगे 20 हजार किसान


दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की तरफ से बताया गया है कि पुलिसकर्मी भीड़ प्रबंधन के लिए तैनात किए गए हैं. हमारी तैयारी यह है कि महापंचायत में कोई अनाधिकृत व्यक्ति एंट्री न करे. कानून व्यवस्था को बनाए रखने में कोई रुकावट न पैदा करे. दिल्ली यातायात पुलिस ने जारी एडवाइजरी में कहा कि करीब 15 से 20 हजार लोगों के महापंचायत में हिस्सा लेने की संभावना है. महापंचायत में शामिल होने के लिए बीती रात से ही लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था. दूसरी तरफ अलग-अलग किसान संगठनों के संयुक्त मंच एसकेएम ने रविवार को बताया था कि किसान महापंचायत कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गांरटी को लेकर दबाव बनाने के लिए बुलाई गई है. 


ये है किसानों की प्रमुख मांगें 



  • एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के मुताबिक सभी फसलों पर सी2+50 प्रतिशत के फार्मूला के आधार पर एमएसपी पर खरीद की गारंटी के लिए सरकार कानून बनाए और उस पर अमल करे.

  • SKM का दावा है कि कृषि में बढ़ती लागत और फसल के लिए लाभकारी मूल्य न मिलने के कारण 80 फीसदी से ज्यादा किसान कर्ज में डूब चुके हैं. वह आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार किसानों के लिए कर्ज मुक्ति और उर्वरकों सहित लागत कीमतों में कमी करे.

  • संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी पर गठित समिति और घोषित ऐजेंडा किसानों की मांगों के उलट है. केंद्र वादों के अनुरूप वर्तमान समिति को रद्द कर एसकेएम के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए किसानों के उचित प्रतिनिधित्व के साथ, सभी फसलों की कानूनी गारंटी के लिए एमएसपी पर एक नई समिति को गठित करे.

  • केंद्र सरकार संयुक्त संसदीय समिति को विचारार्थ भेजे गए बिजली संशोधन विधेयक 2022 को वापस ले. केंद्र ने एसकेएम को लिखित में आश्वासन दिया था कि मोर्चा के साथ विमर्श के बाद ही विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा. लेकिन बिना किसी चर्चा के संसद में उसे पेश कर दिया. एसकेएम खेती किसानी के लिए मुफ्त बिजली और ग्रामीण परिवारों के लिए 300 यूनिट बिजली की मांग करता है. 


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