Sextortion Racket Busted in Delhi: दिल्ली (Delhi) के क्राइम ब्रांच की इंटरस्टेट सेल की टीम ने एक ऐसे सेक्सटॉर्शन रैकेट का खुलासा किया है, जिसके सदस्यों ने आईटीबीपी (ITBP) के एक रिटायर्ड ऑफिसर को उनकी आपत्तिजनक वीडियो को वायरल करने की धमकी दे कर उनसे कुल एक करोड़ 80 लाख रुपये की उगाही कर डाली. इस मामले में क्राइम ब्रांच पुलिस ने यूपी (UP) और राजस्थान (Rajasthan) में छापेमारी कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान जरीफ, नीरज और अजित सिंह के रूप में हुई है. ये राजस्थान के भरतपुर और यूपी के मथुरा के रहने वाले हैं.


स्पेशल सीपी रविन्द्र सिंह यादव ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि क्राइम ब्रांच आईएससी की टीम को साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट की पुलिस को आईटीबीपी के एक रिटायर्ड कमांडेंट की ओर से शिकायत दिए जाने की जानकारी मिली थी. इसमें उन्होंने बताया था कि वो वाट्सऐप के माध्यम से एक महिला के संपर्क के आए थे, जिसने उन्हें उनकी आपत्तिजनक वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी थी.


लड़की के सुसाइड की बताई बात


उन्होंने बताया कि उनके पास एक शख्स की कॉल भी आई, जिसने खुद को क्राइम ब्रांच, दिल्ली पुलिस का इंस्पेक्टर राम कुमार मल्होत्रा बताया था, उसने उनकी वीडियो को सोशल मीडिया पर उनकी आपत्तिजनक वीडियो को ब्लॉक करावने के नाम और पैसे ऐंठ लिए. फिर बाद में उस सेक्सटॉर्शन गैंग के सदस्यों की ओर से उन्हें यह बताया गया कि उस लड़की ने सुसाइड कर लिया है, जिस वजह से मामला जटिल हो गया है और अब उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा.


आरोपी ने खुद को बताया मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स का अधिकारी


पीड़ित के मुताबिक इसके बाद उन्होंने मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स का वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बता कर उन्हें झांसा दिया कि इस केस को बंद कर दिया जाएगा. इस दौरान विभिन्न मौकों पर उनसे कुल एक करोड़ 80 लाख रुपये की उगाही की गई. फिर भी उनके पैसों की डिमांड बंद नहीं हुई, इस पर उन्होंने इसकी शिकायत वसंत कुंज साउथ थाने में की.


जांच के लिए किया गया टीम का गठन


मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच के डीसीपी अमित गोयल और एसीपी रमेश चंद्र लांबा की देख-रेख में इंस्पेक्टर शिवराज सिंह बिष्ट के नेतृत्व में एसआई रविंदर हुड्डा, देविंदर मलिक, मनोज मीणा, एएसआई वीरेंद्र, एमडी. रहिसुद्दीन, हेड कॉन्स्टेबल नेमीचंद, विकास और अन्य की टीम का गठन कर मामले की जांच और आरोपियों की पकड़ के लिए लगाया गया था.


पुलिस ने 200 से भी ज्यादा मोबाइल नंबर के डिटेल्स खंगाले


पुलिस टीम ने जानकारियों को एकत्र कर 200 से भी ज्यादा मोबाइल नंबर और 20 से भी ज्यादा अलग-अलग बैंक एकाउंट्स के डिटेल प्राप्त कर उनका विश्लेषण किया. बैंक खातों के विश्लेषण से उन्हें कथित आरोपियों की ओर से एक करोड़ 80 लाख रुपये उगाही किए जाने का पता चला. आगे तकनीकी विश्लेषण से आरोपियों की यूपी के मथुरा और राजस्थान के भरतपुर से विभिन्न मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर इस वारदात को अंजाम देने का पता चला. इस पर पुलिस ने मथुरा और भरतपुर में छापेमारी कर तीन आरोपियों जरीफ, नीरज और अजित सिंह को दबोच लिया.


मथुरा का रहने वाला है नीरज


पूछताछ में आरोपी नीरज ने बताया कि वो मथुरा का रहने वाला है. उसका संपर्क अन्य आरोपियों से हुआ था, जिसके बाद उसने अपने नाम से बैंक अकाउंट खुलवाया, लेकिन उसके एटीएम कार्ड, चेकबुक उसके पास नहीं हैं. उसे अपना अकाउंट देने के लिए दूसरे आरोपी से कैश पैसे मिले थे. उसके अकाउंट में ठगी के साढ़े 17 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे.


गैंग के दूसरे सदस्यों का पता लगा रही पुलिस


अजित भी मथुरा का रहने वाला है और उसे भी उसके नाम के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए ठगी के साढ़े 41 लाख रुपये के लिए कैश पैसे दिए गए थे, जबकि जरीफ इस गैंग के मुख्य सदस्यों में से एक है, जो मिल कर इस सेक्सटॉर्शन गैंग को चला रहे थे. इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच में जुट कर गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में पता करने के लग गई है. इनकी गिरफ्तारी से पुलिस ने वसंत कुंज साउथ और स्पेशल सेल पुलिस में दर्ज दो मामलों का खुलासा करने में कमायाबी पाई है.


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