आम आदमी पार्टी ने रविवार को हुई पीएम नरेंद्र मोदी की रैली में एमसीडी कर्मचारियों को भेजने को लेकर सोमवार को भी बीजेपी पर हमला बोला. आप दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में पीएम मोदी की रैली पूरी तरह फ्लॉप रही. बीजेपी की विपदा सरकार से नाराज दिल्ली की जनता रैली में नहीं पहुंची. इसलिए बीजेपी ने रैली में जमा भीड़ की कोई फोटो सोशल मीडिया पर साझा नहीं किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ही बता दें कि रैली में पीएम का भाषण सुनने वाले कितने लोग थे?
संजीव झा ने क्यों की जांच की मांग?
उधर, मेयर द्वारा एमसीडी कर्मचारियों को रैली में भेजने को लेकर कोई आदेश जारी करने से इन्कार करने पर आप विधायक दल के चीफ व्हिप संजीव झा ने सीएम रेखा गुप्ता, एलजी वीके सक्सेना, मेयर और एमसीडी कमिश्नर को पत्र लिखा है और इसे गंभीर मामला बताते हुए जांच करने व आदेश जारी करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
पीएम की रैली में भीड़ का जिक्र गायब- आप
सौरभ भारद्वाज ने बुराड़ी से विधायक संजीव और तिलक नगर से विधायक जरनैल सिंह के साथ प्रेसवार्ता कर कहा कि रविवार को दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी की एक बड़ी रैली थी. मीडिया में पीएम की रैली में भीड़ का जिक्र गायब है. क्योंकि पीएम की रैली पूरी तरह से फ्लॉप हो गई. बीजेपी ने अपने एक्स हैंडल पर भी जनता का क्लोजअप की फोटो डाली है. पीएम की रैली में किसी मीडिया कर्मी को नहीं बुलाया गया था. बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा बताएं कि पीएम का भाषण सुनने वाले कितने लोग थे?
जो कर्मचारी नहीं जाना चाहता था, फोन करके बुलाया गया- संजीव झा
विधायक संजीव झा ने कहा कि प्रधानमंत्री की रैली में भीड़ नदारत थी. रविवार को एमसीडी के शिक्षकों और कर्मचारियों को आदेश दिया गया कि प्रधानमंत्री की रैली में पहुंचना है. धमका कर कर्मचारियों को बसों में भर कर भेजा गया. जो कर्मचारी नहीं जाना चाहता था, उसको फोन करके बुलाया गया कि अगर नहीं आओगे तो सख्त कार्रवाई होगी. इसकी कई वीडियो सोशल मीडिया पर चली. एमसीडी के निगम पार्षद, जोन चेयरमैन खड़े होकर कर्मचारियों को बसों में भर रहे थे और उन्हें पीएम की रेली में भेजा गया. आज कई मीडिया में पढ़ा कि मेयर राजा इकबाल सिंह कह रहे हैं कि ऐसा कोई आदेश नहीं था.
एमसीडी द्वारा जारी आदेश की कॉपी को भेजी- संजीव झा
संजीव झा ने कहा कि मैंने सीएम रेखा गुप्ता, एलजी, मेयर और एमसीडी कमिश्नर को एक पत्र लिखा है और पत्र के साथ एमसीडी द्वारा जारी आदेश की कॉपी को भी संलग्न किया है. अगर मेयर की बात सच है कि एमसीडी का कोई आदेश नहीं था तो फिर यह जारी आदेश किसका था? फिर तो यह बहुत और भी गंभीर विषय है. छुट्टी के दिन आखिर कौन व्यक्ति है और कैसे यह सरकारी आदेश आ जाता है. बहुत सारे लोग कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखे थे. इनको आखिर कैसे बुलाया गया? इसकी जांच की जानी चाहिए और कोई भी दोषी पाया जाए, उस पर ठोस कार्रवाई हो.
100 दिनों के अंदर ही लोगों का भरोसा सरकार ने खोया- जरनैल सिंह
तिलक नगर से विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि बीजेपी की रैली में पीएम के साथ दो राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, उपराज्यपाल, सांसद और दिल्ली के सातों मंत्री मौजूद थे. इसके बावजूद रैली में लोगों न जाएं तो इसका सबसे बड़ा कारण बीजेपी सरकार का नकारापन है. लोग बीजेपी के नेताओं को ढूंढ रहे हैं ताकि उनसे सवाल पूछ सकें. आज अगर बीजेपी के खिलाफ कोई रैली हो तो वहां लाखों लोग इकट्ठे हो जाएंगे. दिल्ली में बीजेपी की पहली सरकार है, जिस पर से लोगों ने 100 दिनों के अंदर ही अपना भरोसा खो दिया था.
गलियों-मोहल्लों के अंदर कूड़े के बड़े-बड़े ढेर- जरनैल सिंह
जरनैल सिंह ने कहा कि मेरी परेशानी संवैधानिक मर्यादाओ को तार-तार करने को लेकर है. दिल्ली के अंदर गलियों-मोहल्लों के अंदर कूड़े के बड़े-बड़े ढेर लगे पड़े हैं. उनकी सफाई नहीं हो रही है. इसके बावजूद बीजेपी सफाई कर्मचारियों को तिरंगा यात्रा तो कभी रैलियों मे बुला रहे हैं. सफाई कर्मचारी सफाई का काम करें या रैलियों में जाएं. हमें उम्मीद बहुत कम है कि सीएम रेखा गुप्ता पत्र का संज्ञान लेकर कोई जवाब दे पाएंगी. अगर मेयर आदेश जारी होने से मना कर रहे हैं तो बीजेपी किस अधिकार से कर्मचारियों को बसों में भर-भर कर रैली में लेकर जा रही है. सीएम को इस पर जवाब देना चाहिए.